घने कोहरे में लिपटा बदरीनाथ धाम, अलकनंदा और धौली गंगा नदी उफान पर, SDRF तैनात – BADRINATH WATER LEVEL INCREASED
उत्तराखंड में मानसून पूरी तरह से सक्रिय है और इसका असर भू बैकुंठ बदरीनाथ धाम में साफ तौर पर दिखाई दे रहा है। लगातार बारिश और बर्फबारी के कारण अलकनंदा और धौली गंगा नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है, जिससे प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है।
अलकनंदा खतरे के करीब
बदरीनाथ धाम में अलकनंदा नदी का जलस्तर इस वक्त 953.4 मीटर पर बह रहा है। यह खतरे के निशान से केवल 4 मीटर नीचे है। जलस्तर में निरंतर बढ़ोतरी देखी जा रही है, जिससे चिंताएं गहराने लगी हैं। चमोली पुलिस और प्रशासन ने श्रद्धालुओं से नदी किनारे न जाने की अपील की है।
नीती घाटी में धौली गंगा भी उफान पर
वहीं दूसरी ओर, नीती घाटी में हो रही बारिश के कारण धौली गंगा नदी भी उफान पर है। क्षेत्र में लगातार बारिश के कारण जलस्तर असामान्य रूप से बढ़ रहा है। प्रशासन ने सभी तीर्थयात्रियों और स्थानीय लोगों को सुरक्षित स्थानों पर रहने की सलाह दी है।
बदरीनाथ धाम ने ओढ़ी कोहरे की चादर
मंगलवार सुबह से ही बदरीनाथ धाम घने कोहरे की सफेद चादर में लिपटा हुआ है। हल्की बारिश के बीच धाम का नजारा अत्यंत मनोहारी तो है, लेकिन वातावरण में सावधानी बरतने की जरूरत है। यात्रा फिलहाल सुरक्षित और सुचारू रूप से चल रही है।
ज्योतिर्मठ में सबसे ज्यादा बारिश दर्ज
चमोली जिले में ज्योतिर्मठ क्षेत्र में 19.2 मिमी बारिश दर्ज की गई है। मौसम विभाग के मुताबिक, ऊपरी क्षेत्रों में भारी बारिश और बर्फ के पिघलने का सिलसिला जारी रहेगा। इसके मद्देनज़र ब्रह्मकपाल और नारद कुंड के पास SDRF और पुलिस बल तैनात किए गए हैं, जो लगातार निगरानी कर रहे हैं।
श्रद्धालुओं की आस्था बरकरार
मौसम की चुनौतीपूर्ण स्थिति के बावजूद श्रद्धालुओं की भगवान बदरी विशाल के प्रति आस्था में कोई कमी नहीं आई है। बारिश और कोहरे के बीच भी हजारों श्रद्धालु दर्शन के लिए कतारों में खड़े नजर आए। ब्रह्म मुहूर्त से ही सिंह द्वार के बाहर चहल-पहल देखी गई।
अब तक 12 लाख 5 हजार 798 श्रद्धालु बदरीनाथ धाम के दर्शन कर चुके हैं, और यह संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।