मनसा देवी मंदिर हादसे के बाद बड़ा फैसला: सीएम धामी ने प्रमुख मंदिरों में श्रद्धालु पंजीकरण अनिवार्य किया – HARIDWAR MANSA DEVI TEMPLE STAMPEDE
हरिद्वार के प्रसिद्ध मनसा देवी मंदिर में भगदड़ की दर्दनाक घटना में 8 श्रद्धालुओं की जान चली गई और करीब 30 लोग घायल हो गए। हादसे के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने तत्काल एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई और प्रदेश के प्रमुख धार्मिक स्थलों पर भीड़ नियंत्रण के लिए कड़े निर्देश जारी किए हैं।
इन मंदिरों में होगी सख्त व्यवस्थाएं
मुख्यमंत्री ने सचिवालय में हुई बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए कि मनसा देवी, चंडी देवी (हरिद्वार), पूर्णागिरि धाम (टनकपुर), कैंची धाम (नैनीताल), जागेश्वर धाम (अल्मोड़ा), नीलकंठ महादेव (पौड़ी) सहित सभी प्रमुख मंदिरों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए व्यवस्थाएं चाक-चौबंद की जाएं।
श्रद्धालु पंजीकरण अब अनिवार्य
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि अब इन मंदिरों में दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं का पंजीकरण अनिवार्य होगा। इससे श्रद्धालुओं की संख्या को नियंत्रित किया जा सकेगा और भीड़भाड़ से जुड़ी घटनाओं को रोका जा सकेगा।
समिति का गठन और बुनियादी ढांचे पर जोर
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि कुमाऊं और गढ़वाल मंडल के कमिश्नरों की अध्यक्षता में एक विशेष समिति बनाई जाए, जिसमें संबंधित जिलों के डीएम, एसएसपी, विकास प्राधिकरणों के उपाध्यक्ष और कार्यदायी संस्थाएं शामिल हों। समिति मंदिर परिसरों में भीड़ प्रबंधन, अतिक्रमण हटाने, रास्तों के चौड़ीकरण, और अन्य सुविधाओं की निगरानी करेगी।
मनसा देवी हादसा: क्या हुआ था?
27 जुलाई की सुबह मनसा देवी मंदिर की सीढ़ियों पर अचानक करंट फैलने की अफवाह फैल गई। अफरा-तफरी में भगदड़ मच गई। इस दुखद हादसे में 8 लोगों की मौत हो गई, जिनमें एक बच्चा भी शामिल था। 30 से अधिक श्रद्धालु घायल हुए हैं, जिनमें 4 साल की बच्ची भी गंभीर रूप से घायल है। सभी घायलों का इलाज एम्स ऋषिकेश समेत विभिन्न अस्पतालों में चल रहा है।
मुख्यमंत्री ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए श्रद्धालुओं की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की बात कही और संबंधित अधिकारियों को तत्काल सुधारात्मक कदम उठाने के निर्देश दिए।