सैन्य सम्मान के साथ विदा हुए राइफलमैन लोकेंद्र प्रताप, एक महीने पहले हुई थी शादीLOKENDRA PRATAP LAST RITES
देश के वीर सपूत राइफलमैन लोकेंद्र प्रताप को मंगलवार सुबह श्रीनगर के अलकेश्वर घाट पर सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। गमगीन माहौल के बीच स्थानीय लोगों, परिजनों और सैन्य अधिकारियों की मौजूदगी में उन्हें नम आंखों से अंतिम विदाई दी गई। उनके असामयिक निधन से पूरे क्षेत्र में शोक की लहर है।
गढ़वाल राइफल्स की 21वीं बटालियन के जवान लोकेंद्र प्रताप (26) श्रीनगर तहसील के ग्राम कटाखोली, पट्टी चलणस्यूं के निवासी थे। वह वर्ष 2016 में सेना में भर्ती हुए थे और वर्तमान में जम्मू-कश्मीर में तैनात थे। बीते सप्ताह वह विशेष प्रशिक्षण के लिए कोटद्वार स्थित गबर सिंह आर्मी कैंप कौड़िया आए हुए थे।
रविवार रात भोजन के बाद वह सोने चले गए, लेकिन सोमवार सुबह जब वह नहीं उठे, तो साथी सैनिकों ने उन्हें बेसुध अवस्था में पाया। आनन-फानन में उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। प्रारंभिक जांच में उनकी मौत का कारण हृदय गति रुकना बताया गया है।
इस दुखद समाचार के बाद पूरे गांव और परिजन गहरे सदमे में हैं। माता-पिता, भाई-भाभी और अन्य परिजन तुरंत कोटद्वार पहुंच गए। परिजनों ने बताया कि रविवार रात ही लोकेंद्र ने परिवार से फोन पर बात की थी। सबसे हृदय विदारक बात यह रही कि लोकेंद्र की शादी हाल ही में 8 जून 2025 को हुई थी। शादी के महज चालीस दिन बाद ही यह दुखद घटना घट गई।
मंगलवार सुबह से ही कटाखोली गांव में लोगों का तांता लगा रहा। सैकड़ों ग्रामीण, शुभचिंतक और पूर्व सैनिक अलकेश्वर घाट पहुंचे और उन्हें श्रद्धांजलि दी। हर आंख नम थी और हर दिल लोकेंद्र की वीरता और असमय विदाई पर शोक में डूबा था।
राइफलमैन लोकेंद्र प्रताप ने देश सेवा के संकल्प के साथ जीवन जिया और अंतिम सांस तक अनुशासन और समर्पण का उदाहरण बने रहे। क्षेत्रवासियों ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उनका बलिदान कभी भुलाया नहीं जा सकेगा।