कांवड़ियों के उत्पात से परेशान हुए हरिद्वार के व्यापारी, बाजार बंद की चेतावनी, पुलिस ने दिया भरोसा
हरिद्वार | कांवड़ मेला 2025
हरिद्वार में चल रहे कांवड़ मेले के बीच अनुशासनहीन कांवड़ियों के उत्पात ने व्यापारियों की परेशानी बढ़ा दी है। कई स्थानों पर बदतमीजी, मारपीट और तोड़फोड़ की घटनाएं सामने आ रही हैं। इस स्थिति को लेकर स्थानीय व्यापारियों ने सख्त नाराजगी जताते हुए चेतावनी दी है कि यदि हालात नहीं सुधरे, तो उन्हें बाजार बंद करने जैसा कदम उठाना पड़ेगा।
बैठक में व्यापारी बोले – “बर्दाश्त की भी एक सीमा होती है”
सोमवार, 14 जुलाई को हरिद्वार के व्यापारी संगठनों ने आपातकालीन बैठक बुलाई, जिसमें पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को आमंत्रित किया गया। बैठक में व्यापारी नेता संजीव नैयर ने कहा कि कुछ उपद्रवी तत्व कांवड़ियों के वेश में हरिद्वार की शांति और धार्मिक गरिमा को ठेस पहुंचा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि ये लोग दुकानदारों से अभद्र भाषा में बात कर रहे हैं, कई जगह हाथापाई और जानबूझकर झगड़े की कोशिशें भी हो रही हैं। “हम ‘अतिथि देवो भव’ की भावना से काम कर रहे हैं, लेकिन अब सहनशक्ति जवाब देने लगी है,” उन्होंने जोड़ा।
व्यापारियों का साफ संदेश – “यदि व्यवस्था नहीं सुधरी, तो बाजार बंद”
व्यापारी संगठन के जिला अध्यक्ष राजीव पराशर ने बैठक में कहा कि कांवड़ मेला अब व्यापारियों के लिए ‘त्योहार’ नहीं, ‘संकट’ बन गया है। उन्होंने कहा, “कुछ लोग धर्म की आड़ में बदतमीजी कर रहे हैं, जिससे व्यापारी खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। अगर स्थिति पर जल्द काबू नहीं पाया गया, तो मजबूरन बाजार बंद करना पड़ेगा।”
हरकी पैड़ी और रुड़की में भी उपद्रव
रविवार रात हरिद्वार के हरकी पैड़ी के पास एक चश्मे की दुकान में कांवड़ियों ने मामूली विवाद के बाद तोड़फोड़ की। पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए दो कांवड़ियों को गिरफ्तार किया।
इसी तरह कुछ दिन पहले रुड़की में भी उपद्रवियों ने एक स्कॉर्पियो कार में तोड़फोड़ कर दी थी। पुलिस ने इस मामले में भी कई लोगों को हिरासत में लिया था।
पुलिस ने दिया भरोसा, “व्यापारियों की सुरक्षा सर्वोपरि”
इस बैठक में उपस्थित सीओ नीरज सेमवाल ने व्यापारियों की समस्याओं को गंभीरता से सुना और भरोसा दिलाया कि पुलिस हर स्थिति में उनके साथ खड़ी है। उन्होंने कहा, “कांवड़ मेला एक धार्मिक आयोजन है, लेकिन कानून से ऊपर कोई नहीं। जो लोग उपद्रव करेंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
निष्कर्ष:
हरिद्वार में कांवड़ मेले की गरिमा और धार्मिक भावनाओं को बनाए रखने के लिए संतुलन जरूरी है। प्रशासन और समाज दोनों की जिम्मेदारी है कि इस पवित्र यात्रा को शांति और श्रद्धा से संपन्न करवाया जाए।