देहरादून की नवादा कॉलोनी में हाथियों का तांडव, गाड़ियों और घरों को पहुंचाया भारी नुकसान
ELEPHANT RAMPAGE IN DEHRADUN NAWADA COLONY
देहरादून में जंगली हाथियों का आतंक अब शहर के रिहायशी इलाकों तक पहुंच गया है। राजधानी के नवादा क्षेत्र में देर रात दो हाथियों ने जमकर उत्पात मचाया, जिससे इलाके में दहशत फैल गई। हाथियों ने न सिर्फ कई वाहनों को क्षतिग्रस्त किया, बल्कि कुछ घरों की दीवारों और दरवाजों को भी तोड़ डाला।
शहर के बीचों-बीच हाथियों की एंट्री, लोग हुए हैरान
घटना रात लगभग 2 बजे की है, जब नवादा कॉलोनी में अचानक दो हाथी अपने बच्चों के साथ घुस आए। कॉलोनी में खड़ी चार स्कूटी और आधा दर्जन से अधिक कारें उनके निशाने पर आ गईं। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हाथियों ने गाड़ियों के शीशे तोड़े, दरवाजों को उखाड़ा और कुछ वाहनों को बुरी तरह से क्षतिग्रस्त कर दिया।
घरों में घुसने की कोशिश, रेलिंग और दीवारें तोड़ी
सिर्फ गाड़ियों तक ही बात नहीं रुकी – हाथियों ने एक घर में जबरन घुसने की कोशिश की। इस दौरान उस घर की रेलिंग और दीवारों को भी नुकसान पहुंचाया गया। कॉलोनी के लोगों ने बताया कि करीब दो घंटे तक हाथी इस इलाके में घूमते रहे, जिससे सभी लोग डरे और सहमे हुए हैं।
वन विभाग अलर्ट, तत्काल राहत और सुरक्षा उपाय शुरू
इस घटना के बाद वन विभाग ने तत्परता दिखाते हुए मौके पर टीम तैनात कर दी है।
DFO नीरज शर्मा के मुताबिक:
- जिस स्थान से हाथी कॉलोनी में दाखिल हुए, वहां खाई खोदी जा रही है।
- इलाके की बाड़बंदी (fencing) के लिए प्रस्ताव शासन को भेजा गया है।
- घरों और वाहनों को हुए नुकसान का आकलन कर मुआवजा दिया जाएगा।
लगातार बढ़ रही है मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाएं
यह घटना इस बात की पुष्टि करती है कि उत्तराखंड में जंगली जानवरों का आबादी वाले क्षेत्रों में प्रवेश अब सामान्य होता जा रहा है। हरिद्वार, पौड़ी, टिहरी, देहरादून जैसे कई जिलों में बाघ, गुलदार और हाथियों की आमद लगातार दर्ज की जा रही है।
विशेषज्ञों का मानना है कि वनों के सिमटने और इंसानी आबादी के बढ़ते विस्तार के चलते मानव और वन्यजीवों के बीच संघर्ष बढ़ रहा है।
प्रशासन की अपील
वन विभाग ने लोगों से अपील की है कि जंगली जानवरों के दिखने पर घबराएं नहीं, बल्कि तुरंत विभाग की हेल्पलाइन या स्थानीय वन अधिकारी को सूचित करें। साथ ही, रिहायशी इलाकों के आसपास रात में वाहन या घर खुला न छोड़ें।