जल्द जनता को मिलेगा दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे का तोहफा, पीएम मोदी कर सकते हैं उद्घाटन
DEHRADUN EXPRESSWAY INAUGURATION | DELHI-DEHRADUN EXPRESSWAY NEWS
देहरादून: लंबे इंतजार के बाद दिल्ली से देहरादून तक बनने वाला हाई-स्पीड एक्सप्रेसवे अब लगभग बनकर तैयार है। यह 210 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेसवे तीन राज्यों—दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड—को आपस में जोड़ेगा। करीब 13,000 करोड़ रुपये की लागत से तैयार इस प्रोजेक्ट को जल्द ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जनता को समर्पित कर सकते हैं।
सबसे चुनौतीपूर्ण हिस्सा: राजाजी टाइगर रिजर्व से गुजरता सेक्शन
इस एक्सप्रेसवे की सबसे अहम कड़ी गणेशपुर से देहरादून तक का 19.5 किलोमीटर लंबा हिस्सा है, जो राजाजी टाइगर रिजर्व के बीचों-बीच से गुजरता है। वन्यजीवों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यहां 12 किलोमीटर लंबा एलिवेटेड वाइल्डलाइफ कॉरिडोर तैयार किया गया है, जिसे एशिया का सबसे बड़ा वन्यजीव गलियारा माना जा रहा है।
उद्घाटन से पहले अंतिम तैयारियों में जुटा NHAI
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) द्वारा बनाए जा रहे इस प्रोजेक्ट का अधिकांश हिस्सा तैयार हो चुका है। उत्तराखंड में निर्माण के चौथे चरण में आने वाला यह सेक्शन अब अंतिम चरण में है।
PWD सचिव पंकज कुमार पांडेय ने बताया कि एक्सप्रेसवे के उद्घाटन को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय से समय मांगा गया है, और जल्द ही इसका लोकार्पण हो सकता है।
यात्रा होगी सिर्फ ढाई घंटे की
वर्तमान में दिल्ली से देहरादून की दूरी तय करने में करीब 6-7 घंटे का समय लगता है, लेकिन इस एक्सप्रेसवे के खुलने के बाद यह यात्रा मात्र 2.5 से 3 घंटे में पूरी की जा सकेगी। इससे न सिर्फ पर्यटकों को फायदा मिलेगा, बल्कि औद्योगिक, व्यापारिक और सामाजिक गतिविधियों को भी गति मिलेगी।
किन शहरों को जोड़ेगा एक्सप्रेसवे?
यह एक्सप्रेसवे दिल्ली, बागपत, मुजफ्फरनगर, शामली, सहारनपुर और देहरादून जैसे बड़े शहरों को जोड़ेगा। शुरुआत में इसे 6 लेन के रूप में विकसित किया गया है, लेकिन भविष्य में इसे 8 से 12 लेन तक विस्तार देने की योजना है।
पर्यटन और विकास को मिलेगा बढ़ावा
देहरादून, मसूरी, ऋषिकेश जैसे प्रमुख पर्यटन स्थलों को इससे सीधा लाभ मिलेगा। इसके अलावा, एक्सप्रेसवे के आसपास रेजिडेंशियल और कमर्शियल प्रोजेक्ट्स विकसित होने की भी संभावनाएं हैं, जिससे रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।
उत्तराखंड सरकार राजधानी क्षेत्र में ट्रैफिक प्रबंधन के लिए नई योजना भी बना रही है, ताकि एक्सप्रेसवे से आने-जाने वाले वाहनों को आसानी से मूवमेंट मिल सके।