देहरादून के आशारोड़ी में दर्दनाक सड़क हादसा: ट्रॉले में घुसी कार, चार युवकों की मौत
रविवार तड़के उत्तराखंड के आशारोड़ी क्षेत्र में एक भीषण सड़क हादसे में चार युवकों की मौत हो गई। घटना उस समय हुई जब एक कार ट्रॉले के पीछे दाहिनी ओर से टकरा गई। टक्कर इतनी तेज थी कि कार ट्रॉले के पिछले हिस्से में बुरी तरह फंस गई।
सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीम ने कड़ी मशक्कत के बाद कार को ट्रॉले से अलग किया। हालांकि कार बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुकी थी, जिससे दरवाजे नहीं खुल पा रहे थे। आखिरकार दरवाजे काटकर अंदर फंसे युवकों को बाहर निकाला गया, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। चारों को अस्पताल पहुंचाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
रात का सफर बना जानलेवा
रविवार दोपहर कोरोनेशन अस्पताल में चारों शवों का पोस्टमार्टम किया गया। दोपहर करीब दो बजे मृतकों के परिजन हरियाणा से अस्पताल पहुंचे। चारों युवक आपस में रिश्तेदार थे, जिससे अस्पताल में माहौल बेहद गमगीन हो गया। परिजनों ने बताया कि सभी युवक शनिवार रात आठ बजे हरियाणा के पुरखास (सोनीपत) से देहरादून के लिए रवाना हुए थे। माना जा रहा है कि रास्ते में वे खाना खाने के लिए रुके होंगे।
पुलिस का कहना है कि यह दुर्घटना सुबह 3:10 बजे के आसपास हुई। आशंका है कि लगातार यात्रा और नींद पूरी न होने के कारण ड्राइवर को झपकी आई हो, जिससे यह हादसा हुआ।
मसूरी घूमने का था प्लान, पारस के कहने पर शुरू हुई थी यात्रा
मृतकों के परिजनों के अनुसार, यह ट्रिप पारस नामक युवक के सुझाव पर प्लान की गई थी। पारस राष्ट्रीय स्तर के तीरंदाजी खिलाड़ी थे और वर्तमान में सोनीपत के एक स्कूल में कोचिंग दे रहे थे। उनके साथ कार में सवार अन्य युवक थे – अंकित (साला), अंकुश (भतीजा) और नवीन (मामा का बेटा)। सभी आपस में करीबी रिश्तेदार थे।
रास्ते में हुए होंगे ठहराव
देहरादून और सोनीपत के बीच की दूरी करीब 220 किलोमीटर है, जिसे सामान्यतः चार घंटे में तय किया जा सकता है। लेकिन दुर्घटना तड़के तीन बजे के बाद हुई, जिससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि कार सवार युवक रास्ते में कहीं रुके होंगे।
एक परिवार की खुशियां एक हादसे में उजड़ गईं
यह हादसा सिर्फ एक सड़क दुर्घटना नहीं, बल्कि चार परिवारों के लिए अपूरणीय क्षति बन गया। हादसे की जांच जारी है और पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि हादसे की असल वजह क्या रही – वाहन की गति, नींद या अन्य कोई तकनीकी खराबी।