कैंची धाम मेला 2025: एक साल में 24 लाख श्रद्धालु पहुंचे, भीड़ नियंत्रण को लेकर सीएम ने की समीक्षा बैठक
NAINITAL KAINCHI DHAM FAIR 2025
उत्तराखंड के नैनीताल जिले में स्थित कैंची धाम में हर वर्ष श्रद्धालुओं की संख्या तेजी से बढ़ रही है। अप्रैल 2024 से मार्च 2025 तक के आंकड़ों पर नज़र डालें तो लगभग 24 लाख श्रद्धालुओं ने कैंची धाम में बाबा नीम करौली महाराज के दर्शन किए। इस बार जून 2025 में लगने वाले कैंची धाम मेले के दौरान यह संख्या और भी ज्यादा बढ़ने की संभावना है।
श्रद्धालुओं की भीड़ से बढ़ीं व्यवस्थागत चुनौतियाँ
बढ़ती भीड़ के कारण कैंची धाम के आसपास ट्रैफिक जाम, पार्किंग की समस्या और व्यवस्थागत अव्यवस्थाएं देखने को मिल रही हैं। श्रद्धालुओं को परेशानी से बचाने और यात्रा को सुगम बनाने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को मुख्यमंत्री आवास में उच्च स्तरीय बैठक की।
मुख्यमंत्री ने दिए तीन-स्तरीय योजना के निर्देश
सीएम धामी ने कैंची धाम में सुविधाओं को सुधारने के लिए तात्कालिक, मध्यकालिक और दीर्घकालिक योजनाएं तैयार करने के निर्देश दिए।
- तात्कालिक उपायों से इस वर्ष के मेले को बेहतर ढंग से संचालित करने की योजना है।
- मध्यकालिक योजनाएं अगले कुछ वर्षों में स्थायी समाधान की दिशा में होंगी।
- दीर्घकालिक योजना के अंतर्गत भविष्य में एक मजबूत इन्फ्रास्ट्रक्चर और तीर्थ प्रबंधन प्रणाली विकसित की जाएगी।
इसके साथ ही सेनेटोरियम से भवाली पेट्रोल पंप के आगे तक लगभग 3 किलोमीटर सड़क कटिंग कार्य को भी जल्द पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं, जिससे यातायात सुगम बनाया जा सके।

इस वर्ष 3 लाख श्रद्धालुओं के आने की संभावना
नैनीताल की डीएम वंदना सिंह ने बताया कि इस साल 2.5 से 3 लाख श्रद्धालुओं के मेले में आने की संभावना है। भीड़ नियंत्रण और ट्रैफिक प्रबंधन के लिए प्रशासन की ओर से विशेष प्लान तैयार किया गया है। उन्होंने यह भी सुझाव दिया है कि भविष्य में कैंची धाम आने वालों के लिए रजिस्ट्रेशन प्रणाली लागू की जाए और एक दिन में दर्शनार्थियों की अधिकतम सीमा तय की जाए, ताकि सुरक्षा और व्यवस्था बनी रहे।
15 जून से शुरू होगा कैंची धाम मेला
प्रसिद्ध कैंची धाम मेला 15 जून 2025 से शुरू होने जा रहा है। इस अवसर पर देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु बाबा नीम करौली महाराज के दर्शन को आते हैं। प्रशासन पूरी तरह से तैयारियों में जुटा हुआ है, ताकि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।