उत्तराखंड में डेंगू का खतरा बढ़ा, मॉनसून से पहले स्वास्थ्य विभाग अलर्ट पर
उत्तराखंड में इस बार मॉनसून से पहले ही डेंगू के मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है। राज्य में अब तक 68 मरीजों में डेंगू की पुष्टि हो चुकी है, जिनमें से 58 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं, जबकि 10 का इलाज जारी है। स्वास्थ्य विभाग ने संभावित डेंगू प्रकोप को रोकने के लिए कमर कस ली है और राज्य के सभी जिलों को अलर्ट मोड पर रखा गया है।
📍 सबसे ज्यादा केस देहरादून में
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, डेंगू के अब तक मिले मामलों में:
- देहरादून से सबसे ज्यादा 39 केस सामने आए हैं।
- हरिद्वार में 12,
- पौड़ी में 2,
- उधम सिंह नगर और पिथौरागढ़ में 1-1 केस दर्ज किया गया है।
- इसके अलावा 13 केस ऐसे हैं जो अन्य राज्यों से आए मरीजों में पाए गए, जिनमें से 12 यूपी और 1 राजस्थान से है।
🚨 स्वास्थ्य विभाग की तैयारी
स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. सुनीता टम्टा ने जानकारी दी कि डेंगू ने इस बार समय से पहले दस्तक दी है। अब तक किसी भी मरीज की मौत नहीं हुई है, जो राहत की बात है। विभाग ने सभी जिलों को पहले ही गाइडलाइन जारी कर दी है।
- सोर्स रिडक्शन (मच्छर के पनपने के स्रोत को खत्म करना) को सबसे अहम बताया गया है।
- आशा वर्कर और नगर निगम कर्मचारी फील्ड में सक्रिय हैं।
- अन्य विभागों से भी समन्वय के लिए बैठकें की जा चुकी हैं।
🛡️ डेंगू से बचाव के उपाय
- घर के आसपास पानी जमा न होने दें।
- कूलर, गमले, टायर, बर्तन आदि का पानी हर 2-3 दिन में बदलें।
- पूरी बांह के कपड़े पहनें और मच्छरदानी का इस्तेमाल करें।
- ताजे फल, साफ-सुथरा भोजन और तरल पदार्थ अधिक लें।
- सुबह और शाम बाहर निकलने से बचें।
🧑⚕️ आयुर्वेद विशेषज्ञ की सलाह
डॉ. अर्चना कोहली के अनुसार, इस समय सीजनल वायरल, सुखी खांसी, और पाचन संबंधी समस्याएं भी बढ़ रही हैं। कोविड की आशंका को भी नकारा नहीं जा सकता, इसलिए किसी भी बुखार, खांसी, जुकाम की स्थिति में डॉक्टर से परामर्श और जांच कराना आवश्यक है।
📊 पिछले वर्षों में डेंगू के आंकड़े
वर्ष | डेंगू मामले | मौतें |
---|---|---|
2024 | 34 | 0 |
2023 | 1201 | 13 |
2022 | 1434 | 0 |
2021 | 126 | 0 |
2019 | 4991 | 6 |
🔍 निष्कर्ष
उत्तराखंड में डेंगू का खतरा पहले ही सिर उठाने लगा है। ऐसे में सरकार, प्रशासन और आम जनता को मिलकर सावधानी बरतनी होगी, ताकि आने वाले मॉनसून में महामारी का रूप न ले सके। व्यक्तिगत स्तर पर साफ-सफाई और जागरूकता ही इससे बचाव का सबसे बड़ा उपाय है।