पूर्व विधायक महेश नेगी को दुष्कर्म केस में कोर्ट से राहत, आरोप लगाने वाली महिला पर ₹5 करोड़ की मानहानि का मुकदमा
द्वाराहाट से पूर्व भाजपा विधायक महेश नेगी को दुष्कर्म के मामले में कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। देहरादून की एसीजेएम पंचम कोर्ट ने नेगी को दुष्कर्म और पितृत्व से जुड़े केस में क्लीन चिट दे दी है। कोर्ट के इस फैसले के बाद महेश नेगी ने आरोप लगाने वाली महिला के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया है, जिसमें उन्होंने माफी मांगने के साथ-साथ ₹5 करोड़ के हर्जाने की मांग की है।
मामला वर्ष 2018 का है, जब एक महिला ने महेश नेगी पर दिल्ली, नैनीताल, मसूरी और देहरादून में यौन शोषण और दुष्कर्म के आरोप लगाए थे। महिला ने यह भी दावा किया था कि उसकी बेटी के पिता महेश नेगी ही हैं। दूसरी ओर, नेगी की पत्नी रीता नेगी ने 11 अगस्त 2020 को नेहरू कॉलोनी थाने में उक्त महिला के खिलाफ ब्लैकमेलिंग का केस दर्ज कराया था। उनका आरोप था कि महिला ने उनके पति से ₹5 करोड़ की जबरन वसूली की कोशिश की।
इसके बाद कोर्ट के आदेश पर 5 सितंबर 2020 को महेश नेगी और उनकी पत्नी के खिलाफ दुष्कर्म और धमकाने का मुकदमा दर्ज किया गया। महिला ने डीएनए टेस्ट की मांग भी उठाई थी, लेकिन हाईकोर्ट ने उस पर रोक लगा दी थी।
कोर्ट में लंबी सुनवाई और साक्ष्य परीक्षण के बाद 22 मई 2025 को एसीजेएम पंचम कोर्ट ने महेश नेगी को क्लीन चिट दे दी। इसके साथ ही, महिला द्वारा लगाए गए आरोपों को कोर्ट ने निराधार माना।
महेश नेगी की पत्नी द्वारा दर्ज ब्लैकमेलिंग केस में पुलिस ने पहले ही अंतिम रिपोर्ट दाखिल कर दी थी। अब नेगी पक्ष की ओर से उस रिपोर्ट को चुनौती देने की तैयारी की जा रही है।
शुक्रवार को नेगी के वकील चंद्रशेखर तिवारी ने प्रेस वार्ता में कहा कि यह पूरा मामला उनके मुवक्किल की छवि खराब करने और उनके राजनीतिक करियर को नुकसान पहुंचाने की साजिश थी।