धामी सरकार की सख्ती: बिना लाइसेंस नहीं बिकेगा कुट्टू का आटा, सिर्फ सील पैक में होगी बिक्री
देहरादून: बीते दिनों देहरादून और हरिद्वार में कुट्टू के आटे से बने पकवान खाने के बाद 300 से अधिक लोग बीमार हो गए थे। इससे पहले भी मिलावटी कुट्टू के आटे के कारण फूड पॉइजनिंग की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए उत्तराखंड सरकार ने सख्त कदम उठाए हैं। अब बिना लाइसेंस के कुट्टू का आटा बेचना प्रतिबंधित कर दिया गया है, और इसकी बिक्री केवल सील बंद पैकेटों में ही होगी।
नई गाइडलाइंस लागू
खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन (FDA) उत्तराखंड ने नई गाइडलाइंस जारी करते हुए स्पष्ट किया है कि जनरल स्टोर्स या किसी भी अन्य विक्रेता को खुले में कुट्टू का आटा बेचने की अनुमति नहीं होगी। खाद्य आयुक्त डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि अब खाद्य सुरक्षा अधिनियम-2006 के तहत बनाए गए लेबलिंग नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा।
कुट्टू के आटे की बिक्री के लिए अनिवार्य नियम
- सिर्फ सील पैक में होगी बिक्री: कुट्टू का आटा केवल पैकिंग में मिलेगा, खुले में बेचना पूरी तरह प्रतिबंधित।
- लेबलिंग अनिवार्य: प्रत्येक पैकेट पर पिसाई की तिथि, पैकेजिंग तिथि, एक्सपायरी डेट और विक्रेता का खाद्य लाइसेंस नंबर दर्ज करना होगा।
- लाइसेंस जरूरी: बिना वैध खाद्य लाइसेंस के कोई भी व्यापारी कुट्टू का आटा या बीज नहीं बेच सकेगा।
- रिकॉर्ड रखना अनिवार्य: सभी खाद्य विक्रेताओं को खरीद और बिक्री का रिकॉर्ड लिखित रूप में बनाए रखना होगा।
- सख्त निगरानी और कार्रवाई: खाद्य सुरक्षा अधिकारियों द्वारा नियमित निरीक्षण किया जाएगा, और नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी।
जांच में मिले असुरक्षित नमूने
प्रदेश में चल रहे अभियान के तहत विभिन्न जिलों से एकत्र किए गए कुट्टू के आटे के 6 नमूने असुरक्षित पाए गए। रुद्रपुर स्थित राज्य खाद्य एवं औषधि परीक्षण प्रयोगशाला में इनकी जांच की गई, जिसमें मायकोटॉक्सिन टॉक्सिन की मौजूदगी पाई गई। यह एक जहरीला पदार्थ है, जो स्वास्थ्य के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।
अदालत में होगी कार्रवाई
असुरक्षित कुट्टू के आटे की बिक्री करने वाले प्रतिष्ठानों के खिलाफ खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम-2006 के तहत मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (CJM) की अदालत में वाद दायर करने के निर्देश दिए गए हैं।
डीएम को दिए गए सख्त निर्देश
खाद्य आयुक्त डॉ. आर. राजेश कुमार ने सभी जिलाधिकारियों (DM) को निर्देश दिए हैं कि वे नए नियमों का कड़ाई से पालन कराएं और नियमित जांच जारी रखें। अगर कोई विक्रेता इन नियमों का उल्लंघन करता है, तो उसके खिलाफ तत्काल कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
सरकार के इस फैसले का उद्देश्य मिलावटी और असुरक्षित कुट्टू के आटे की बिक्री पर रोक लगाना और आमजन को सुरक्षित खाद्य पदार्थ उपलब्ध कराना है।