आगरा: मानव शर्मा आत्महत्या मामला—समाज में पुरुषों के अधिकारों पर उठे सवाल
आगरा के 25 वर्षीय आईटी कर्मचारी मानव शर्मा की आत्महत्या ने समाज में पुरुषों के अधिकारों पर एक नई बहस छेड़ दी है। हालाँकि यह मामला सिर्फ पुरुषों के अधिकारों तक सीमित नहीं है, बल्कि इससे कई गंभीर सामाजिक और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े सवाल भी खड़े होते हैं।

सुसाइड से पहले मानव का वीडियो
मानव शर्मा ने 23 फरवरी की रात आत्महत्या से पहले एक 7 मिनट का वीडियो बनाया, जिसे सोशल मीडिया पर साझा किया गया। इस वीडियो में—
- उन्होंने पुरुषों के अधिकारों पर बात की और समाज से पुरुषों के बारे में सोचने की अपील की।
- उन्होंने अपनी पत्नी पर बेवफाई का आरोप लगाया।
- अपने माता-पिता और बहन से माफी मांगते हुए कहा कि उनके जाने के बाद सब कुछ ठीक हो जाएगा।
- उन्होंने अपना हाथ दिखाते हुए यह भी बताया कि वे पहले भी आत्महत्या की कोशिश कर चुके थे।

क्या हुआ था 23 फरवरी की रात?
- मानव आगरा में अपने घर पर थे, एक दिन पहले ही वे पत्नी निकिता शर्मा के साथ मुंबई से लौटे थे।
- मुंबई से लौटने के बाद उन्होंने निकिता को मायके छोड़ दिया था।
- रात में उन्होंने शराब पीना शुरू किया और पत्नी से फोन पर बात और बहस हुई।
- बहस के दौरान मानव ने वीडियो कॉल पर फांसी लगाने की धमकी दी।
- निकिता ने उन्हें रोकने की कोशिश की और कहा कि अगर अलग होना है, तो सुबह बात करेंगे, लेकिन मानव नहीं माने।
- रात करीब 2:45 बजे निकिता ने मानव की बहन आकांक्षा को कॉल किया और बताया कि मानव आत्महत्या करने वाले हैं।
- आकांक्षा ने निकिता को इसे नज़रअंदाज करने और फोन साइलेंट पर डालकर सो जाने की सलाह दी।
- बाद में मानव ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
निकिता शर्मा की सफाई
- निकिता ने वीडियो जारी कर मानव के आरोपों को गलत बताया।
- उन्होंने कहा कि शादी से पहले मानव को उनके पिछले रिश्तों के बारे में पता चल गया था, जिससे वे परेशान रहते थे।
- शादी के बाद उनका किसी से कोई संबंध नहीं था।
- उन्होंने बताया कि मानव शराब पीकर मारपीट करते थे और कई बार आत्महत्या की कोशिश कर चुके थे।
- उन्होंने दावा किया कि उन्होंने दो-तीन बार मानव को आत्महत्या करने से बचाया था।
- मानव की मौत के बाद जब वे ससुराल गईं तो उन्हें वहां से निकाल दिया गया।

परिवार और पुलिस की कार्रवाई
- मानव के माता-पिता ने निकिता पर मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया और पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई।
- पहले पुलिस ने शिवरात्रि ड्यूटी का हवाला देकर मामला दर्ज करने से इनकार किया, लेकिन बाद में सीएम पोर्टल पर शिकायत के बाद केस दर्ज हुआ।
- पुलिस इस मामले की गहराई से जांच कर रही है और आगे कई खुलासे हो सकते हैं।
समाज में उठे सवाल
- यह मामला सामने आने के बाद लोग इसे अतुल सुभाष आत्महत्या केस से जोड़कर देख रहे हैं।
- सोशल मीडिया पर पुरुषों के अधिकारों और शोषण के मामलों को गंभीरता से लेने की मांग उठ रही है।
- कई लोग कह रहे हैं कि दहेज, एलुमनी, घरेलू हिंसा और अफेयर के नाम पर पुरुषों को फंसाने के मामले बढ़ रहे हैं।
- कुछ लोग इसे मानसिक तनाव और अवसाद का मामला मान रहे हैं, जबकि कुछ इसे विवाह में उत्पीड़न से जोड़कर देख रहे हैं।
निष्कर्ष
यह मामला सिर्फ एक पुरुष के आत्महत्या करने का नहीं, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य, वैवाहिक समस्याओं और कानून व्यवस्था से जुड़े कई मुद्दों को उजागर करता है।
- क्या पुरुषों के लिए भी कठोर कानूनों की जरूरत है?
- क्या समाज में पुरुषों की समस्याओं को उतनी गंभीरता से नहीं लिया जाता?
- क्या शादी से पहले के रिश्तों को शादी के बाद मुद्दा बनाया जाना सही है?
- मानसिक तनाव और अवसाद से बचने के लिए समाज को क्या कदम उठाने चाहिए?
अब सबकी नजरें इस मामले की पुलिस जांच और कानूनी प्रक्रिया पर टिकी हैं, ताकि सच्चाई सामने आ सके और न्याय हो सके।