हरिद्वार: घन्ना भाई पंचतत्व में हुए विलीन
हरिद्वार: प्रसिद्ध हास्य कलाकार घनानंद भाई का बुधवार को हरिद्वार में खड़खड़ी घाट पर अंतिम संस्कार किया गया। मुख्यमंत्री के निर्देश पर अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ संपन्न किया गया। इस मौके पर पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत व कला- संस्कृति क्षेत्र से जुड़ी हस्तियां मौजूद थीं।
पौड़ी गढ़वाल की गगवाडस्यूँ घाटी में जन्में घनानंद उर्फ घन्ना भाई गढ़वाल के लोक संस्कृति व भाषा के ध्वज्वाहकों में से एक थे। सरकारी सेवा से वीआरएस लेने के बाद घन्ना भाई ने वर्ष 2012 में भाजपा के निशान के साथ पौड़ी विस् निर्वाचन क्षेत्र से राजनीति में जाने का असफल प्रयास भी किया था। किंतु इसके पश्चात घन्ना भाई ने राज्य सरकार की लोक संस्कृति परिषद में बतौर उपाध्यक्ष अपना योगदान भी दिया। आजीवन लोक कला , संस्कृति व भाषा के लिए समर्पित रहे घन्ना भाई के देहांत से गढ़वाल की लोक कला के क्षेत्र में एक शून्यता छा गई है।

बताते चलें कि उत्तराखंड के मशहूर हास्य कलाकार घनानंद गगोडिया का जन्म गढ़वाल मंडल में साल 1953 में हुआ. घनानंद की कैंट बोर्ड लैंसडाउन जिला पौड़ी शिक्षा दीक्षा गढ़वाल हुई. उन्होंने साल 1970 में रामलीलाओं में हास्य कलाकार के रूप में सफर शुरू किया. साथ ही उन्होंने उत्तराखंड की कई फिल्मों में भी काम किया है. जिसमें घरजवैं, चक्रचाल, बेटी-ब्वारी, जीतू बगड़वाल, सतमंगल्या, ब्वारी हो त यनि, घन्ना भाई एमबीबीएस, घन्ना गिरगिट और यमराज प्रमुख हैं.
घनानंद साल 1974 में रेडियो और बाद में दूरदर्शन में भी कई कार्यक्रम किए. उन्होंने राजनीति में भी किस्मत आजमाई और साल 2012 विधानसभा चुनाव में बीजेपी के टिकट पर पौड़ी विधानसभा से चुनाव मैदान में उतरे, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा.जिसके बाद वो चुनाव में बीजेपी के लिए स्टार प्रचारक की भूमिका में उतरते रहे हैं.