रतन टाटा का निधन: एक उद्योगपति की अंतिम विदाई
मुंबई: उद्योगपति रतन टाटा का निधन बुधवार (9 अक्टूबर 2024) को मुंबई के एक अस्पताल में हो गया। वे 86 वर्ष के थे। गुरुवार (10 अक्टूबर 2024) की सुबह, उनका शव उनके घर से एक शव वाहन में, सफेद फूलों से सजाकर, दक्षिण मुंबई के एनसीपीए (नेशनल सेंटर फॉर द परफॉर्मिंग आर्ट्स) ले जाया गया, जहां लोग उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि अर्पित कर सकेंगे।
रतन टाटा को सोमवार (7 अक्टूबर 2024) को उम्र से संबंधित समस्याओं और रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
उनके निधन पर देशभर से श्रद्धांजलियां आईं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए उन्हें “दूरदर्शी व्यवसाय नेता, दयालु आत्मा और असाधारण मानव” कहा। कांग्रेस पार्टी ने भी रतन टाटा के निधन पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए उन्हें “भारतीय उद्योग के एक विशालकाय और दानवीर” के रूप में याद किया, जिन्होंने भारत के कॉर्पोरेट परिदृश्य को आकार दिया।
रतन टाटा के बारे में 10 रोचक तथ्य:
- सम्मानित नेता: रतन टाटा भारत के सबसे सम्मानित उद्योगपतियों में से एक हैं, जिन्हें उनकी विनम्रता, दया और नैतिक नेतृत्व के लिए जाना जाता है।
- दानशीलता: उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य और ग्रामीण विकास जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण दान दिए, जिससे लाखों लोगों की जिंदगी में सकारात्मक बदलाव आया।
- पद्म विभूषण: 2008 में, उन्हें भारत का दूसरा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान, पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया।
- अध्यक्षता: 1991 से 2012 तक, रतन टाटा ने टाटा संस और टाटा ट्रस्ट्स के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया, और टाटा समूह को आर्थिक सुधारों और विस्तार के मार्ग पर अग्रसर किया।
- प्रारंभिक जीवन: रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 को मुंबई में हुआ, और उनकी दादी, नवजन्माई आर. टाटा, ने उनके जीवन पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाला।
- विदेशी शिक्षा: उन्होंने कॉर्नेल यूनिवर्सिटी से आर्किटेक्चर और इंजीनियरिंग की पढ़ाई की, जो उनके दृष्टिकोण को आकार देने में सहायक रही।
- करियर की शुरुआत: रतन टाटा को आईबीएम से नौकरी का प्रस्ताव मिला, लेकिन उन्होंने 1962 में टाटा इंडस्ट्रीज में काम शुरू किया।
- स्ट्रैटेजिक विजनरी: 1981 में टाटा इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष बने और उच्च तकनीक व्यवसायों में परिवर्तन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए।
- वैश्विक विस्तार: उनके नेतृत्व में टाटा समूह ने टेटले, कोरस और जगुआर लैंड रोवर जैसी कंपनियों का अधिग्रहण किया, जिससे इसकी वैश्विक पहचान बनी।
- परिवार की विरासत: रतन टाटा का परिवार टाटा समूह की नींव रखने वाले जामसेटजी टाटा का वंशज है, और उन्होंने इस विरासत को नई ऊँचाइयों पर पहुँचाया।