उत्तराखंड सरकार ने रचा इतिहास: जानें कितनी लंबी लड़ाोई के बाद आया है UCC
कई दशकों के बाद यूनिफाइड सिविल कोड (यूसीसी) लागू होने जा रहा है। समान नागरिक संहिता की कानूनी लड़ाई में शामिल वकील अश्वनी उपाध्याय ने बताया कि यह उत्तराखंड में एक महत्वपूर्ण कदम होगा। यह देश के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ बनेगा और संविधान निर्माता की उम्मीदें यही थीं। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति में महिला-पुरुष के भेदभाव के खिलाफ हमेशा से लड़ा गया है। यहां तक कि आज भी बहुत सारी कुरीतियां जारी हैं। कुछ कुरीतियों के खिलाफ कानून बने हो सकते हैं, लेकिन समाज में अब भी कई ऐसी कुरीतियां हैं, जिन्हें समाप्त करने की आवश्यकता है। जानें कब से यूसीसी के लिए लड़ाई शुरू हुई थी।
1962 में जनसंघ ने हिंदू मैरिज एक्ट और हिंदू उत्तराधिकार विधेयक को वापस लेने का दावा किया। इसके बाद उन्होंने 1967 में उत्तराधिकार और गोद लेने के लिए एक समान कानून की वकालत की।
1971 में उन्होंने इस वादे को दोहराया। हालांकि 1977 और 1980 में इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक बातचीत नहीं हुई।
1980 में भाजपा का गठन हुआ और उसके पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष अटल बिहारी वाजपेयी ने इसका प्रमुख नेतृत्व किया। पार्टी ने 1984 में पहली बार चुनाव लड़ा, जिसमें केवल दो सीटें जीती गईं।
1989 में 9वां लोकसभा चुनाव हुआ, जिसमें भाजपा ने राम मंदिर, यूनिफॉर्म सिविल कोड को अपने चुनावी घोषणापत्र में शामिल किया। पार्टी की सीटों की संख्या 85 पहुंच गई।
1991 में 10वां लोकसभा चुनाव हुआ और इस बार भाजपा को और लाभ हुआ। उसकी सीटों की संख्या 100 से अधिक हो गई। इन चुनावों में भाजपा ने यूनिफॉर्म सिविल कोड, राम मंदिर, धारा 370 के मुद्दों पर जोर दिया।
1996 में भाजपा ने 13 दिनों के लिए सरकार बनाई और 1998 में पार्टी ने 13 महीनों तक सरकार चलाई। 1999 में बीजेपी ने अपने सहयोगियों के साथ बहुमत से सरकार बनाई।
वर्ष 2014 में पहली बार भाजपा प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता पर काबिज हुई और केंद्र में मोदी सरकार आई। मोदी सरकार ने पूरे जोर-शोर से अपने चुनावी वादों पर काम करना शुरू किया।
अब केंद्र की सरकार समान नागरिक संहिता को लागू करने की दिशा में काम कर रही है। इसी कड़ी में यूसीसी को लागू कर उत्तराखंड, देश का पहला राज्य बनने की ओर अग्रसर है। उत्तराखंड में 2022 में भाजपा ने यूसीसी के मुद्दे को सर्वोपरि रखते हुए वादा किया था कि सरकार बनते ही इस पर काम किया जाएगा। धामी सरकार ने यूसीसी के लिए कमेटी का गठन किया। जिसने डेढ़ साल में यूसीसी का ड्राफ्ट तैयार किया। अब विधानसभा का विशेष सत्र पांच फरवरी से शुरू होने जा रहा है, जिसमें पास होने के बाद यूसीसी लागू करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन जाएगा।