हरिद्वार में गंगा में बच्चे को डुबाने की घटना: जाँच के बाद सोशल मीडिया वीडियो की सच्चाई का चला पता
हरिद्वार में एक परिवार ने अपने 5 साल के कैंसर ग्रस्त बच्चे को गंगा में डुबाने का एक वीडियो शेयर किया था, जिससे सोशल मीडिया पर बहुत हंगामा हुआ था। पुलिस के अनुसार, वीडियो के कारण बच्चे की मौत हो गई थी, लेकिन जाँच में पानी में डूबने का कोई सबूत नहीं मिला है। पुलिस ने इस मामले में बच्चे के माता-पिता और उनकी चाची को गिरफ्तार किया है।
हरिद्वार पुलिस चीफ ने बताया कि वीडियो में दिखाई गई घटना में चाची ने बच्चे को गंगा में ले जाकर पानी में डुबा दिया, जबकि माता-पिता मंत्र का जाप कर रहे थे। परिवार को लगा कि इससे बच्चे की बीमारी ठीक हो जाएगी।
हालांकि, 24 जनवरी को रात 11:56 बजे हरिद्वार पुलिस ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा कि हर की पैड़ी पर महिला द्वारा बच्चे को डुबोकर मारने की बात गलत है। पुलिस के मुताबिक, पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों के मुताबिक, बच्चे के फेफड़ों में पानी नहीं था। यानी बच्चे की मौत डूबने से नहीं हुई है। साथ ही बच्चे के शरीर में अकड़न भी थी। ये मामला आस्था और अंतिम उम्मीद से जुड़ा हुआ है, हर पहलू पर जांच जारी है।पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है। हालांकि डॉक्टरों ने बताया कि बच्चे के फेफडों में पानी नहीं था। इसलिए बिना तथ्यों के सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर वायरल हो रहे वीडियो को शेयर न करें।
पुलिस ने बताया कि बच्चा ब्लड कैंसर रोग से पीड़ित था। लास्ट स्टेज होने के चलते एम्स नई दिल्ली ने उसे भर्ती करने से मना कर दिया था। इसके बाद अंतिम उम्मीद के रूप में मां-बाप उसे गंगा के घाट पर गंगा स्नान के लिए हरिद्वार लाए। प्रकरण बच्चे से जुड़ा हुआ होने के कारण बेहद संवेदनशील है और हरिद्वार पुलिस प्रत्येक पहलू पर बारीकी से जांच कर रही है।