देहरादून का नया गौरव: सिटी फॉरेस्ट पार्क – मुख्यमंत्री धामी का ड्रीम प्रोजेक्ट, 12.45 हेक्टेयर में प्रकृति, स्वास्थ्य और मनोरंजन का अनूठा संगम
देहरादून, 14 नवंबर 2025 – मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) द्वारा सहस्त्रधारा रोड हैलीपैड के ठीक सामने विकसित सिटी फॉरेस्ट पार्क अब राजधानी की नई पहचान बन चुका है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का यह ड्रीम प्रोजेक्ट मात्र 12.45 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला है, लेकिन इसमें प्रकृति, स्वास्थ्य, आयुर्वेद, योग, मनोरंजन और पर्यटन का अद्भुत मेल देखने को मिलता है। 40.07 करोड़ रुपये की लागत से तैयार यह पार्क आधुनिक हरित-विकास का जीवंत मॉडल बन गया है। बाल दिवस पर हजारों बच्चों की चहल-पहल ने साबित कर दिया कि यह पार्क हर आयु वर्ग के लिए परफेक्ट डेस्टिनेशन है।
बाल दिवस पर बच्चों की धूम: प्रकृति के बीच हंसी-खुशी का माहौल
14 नवंबर को बाल दिवस के अवसर पर पार्क में बच्चों की असाधारण भीड़ उमड़ी। विभिन्न स्कूलों से आए समूहों ने प्राकृतिक पगडंडियों पर घूमकर, बांस के गज़ेबो में बैठकर और ट्री हाउस में खेलते हुए दिन का पूरा आनंद लिया। शिक्षकों ने बताया, “देहरादून में बच्चों के लिए इतना बड़ा, सुरक्षित और प्राकृतिक खुला स्थान मिलना किसी वरदान से कम नहीं।”
एमडीडीए ने सभी बच्चों के लिए सूक्ष्म जलपान की व्यवस्था भी की। यह दृश्य स्पष्ट करता है कि सिटी फॉरेस्ट पार्क न केवल अवकाश स्थल है, बल्कि बच्चों में प्रकृति प्रेम और पर्यावरण जागरूकता बढ़ाने का सशक्त माध्यम भी बन रहा है।

वन-जैसा माहौल, आधुनिक सुविधाएँ – प्रकृति को न्यूनतम नुकसान
पार्क की सबसे बड़ी खूबी है इसका “जंगल जैसा वातावरण”। विकास कार्य इस तरह किए गए हैं कि:
- प्राकृतिक ढलानें
- पेड़ों का घना आवरण
- मौसमी नाले
- वनस्पतियाँ
- मिट्टी की संरचना
को कोई नुकसान नहीं पहुंचा। यही कारण है कि पार्क में कदम रखते ही शहर का शोर गायब हो जाता है और जंगल की शांति महसूस होती है।
हर आयु वर्ग के लिए खास: 25+ आधुनिक सुविधाएँ एक छत के नीचे
पार्क को हर उम्र के लोगों के लिए आकर्षक और उपयोगी बनाने के लिए 25 से अधिक सुविधाएँ विकसित की गई हैं:
| सुविधा | विवरण |
|---|---|
| साइकिल ट्रैक | बच्चों और बड़ों के लिए अलग-अलग |
| वन-वॉक फिटनेस ट्रेल | 1.2 किमी लंबा, प्राकृतिक ढलानों पर |
| जॉगिंग ट्रैक | सुव्यवस्थित, सुरक्षित |
| बच्चों का मेज़ (Maze) | रोमांचक खेल क्षेत्र |
| झूला पुल | प्राकृतिक सौंदर्य के बीच |
| योग एवं ध्यान केंद्र | शांत वातावरण में |
| एक्यूपंक्चर ज़ोन | स्वास्थ्य लाभ हेतु |
| बांस गज़ेबो | आरामदायक बैठने की जगह |
| ट्री हाउस | बच्चों और वयस्कों के लिए अलग-अलग |
| ओपन एयर थिएटर | सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए |
| कैफेटेरिया | स्वच्छ, सुसज्जित |
| स्केटिंग रिंक | युवाओं के लिए |
| पेबल क्रॉसिंग | प्राकृतिक स्पर्श |
| वेटलैंड रिस्टोरेशन ज़ोन | जैव-विविधता संरक्षण |
| पठन क्षेत्र | शांत कोना |
| नर्सरी | स्थानीय पौधों के लिए |
| टॉप व्यू एरिया | पूरे पार्क का मनोरम दृश्य |
| पार्किंग | कार और बसों के लिए पर्याप्त |
| शौचालय | स्वच्छ, आधुनिक |
| पेयजल फव्वारे | हर क्षेत्र में |
| डस्टबिन | गीला-सूखा अलग |
| खाद गड्ढा | जैविक अपशिष्ट प्रबंधन |
सांस्कृतिक स्पर्श: महासू देवता मंदिर शैली में प्रवेश द्वार
पार्क का प्रवेश द्वार महासू देवता मंदिर की पारंपरिक उत्तराखंडी शैली से प्रेरित है। यह सांस्कृतिक सौंदर्य के साथ आगंतुकों का स्वागत करता है। लकड़ी का पुल, जल पौधों वाला एक्वाटिक एरिया, 3.5 मीटर चौड़ा परिधि मार्ग, 0.6 मीटर चौड़ा मौसमी नाला और फूलों की क्यारियाँ पार्क की सुंदरता को दोगुना करते हैं।
पर्यावरण संरक्षण पर फोकस: वैज्ञानिक दृष्टिकोण
पार्क का विकास पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता देकर किया गया:
- मिट्टी संरक्षण
- जल संरक्षण
- वर्षा जल प्रबंधन
- शहरी बायो-डायवर्सिटी
- स्थानीय पेड़-पौधों का संरक्षण
जनता की बढ़ती पसंद: रोजाना हजारों आगंतुक
उद्घाटन के बाद से सुबह-शाम पार्क में हजारों लोग आ रहे हैं।
- बुजुर्ग: सुरक्षित बैठने की जगह
- महिलाएँ: फिटनेस ट्रेक
- बच्चे: खेल परिसर
- युवा: जॉगिंग, साइकिलिंग, स्केटिंग
यह पार्क परिवारों का नया पिकनिक स्पॉट बन गया है।
पर्यटन और अर्थव्यवस्था को बूस्ट
पार्क के पूर्ण विकास से:
- सहस्त्रधारा क्षेत्र में पर्यटन में नया आयाम
- स्थानीय दुकानें, कैफे, गाइड को लाभ
- रोजगार के नए अवसर
- देहरादून की पर्यटन पहचान को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा
एमडीडीए उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी का बयान
“सिटी फॉरेस्ट पार्क मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की दूरदृष्टि और हरित-शहरी विकास की सोच का परिणाम है। बाल दिवस पर बच्चों की मुस्कान और उत्साह ने साबित कर दिया कि यह पार्क आने वाली पीढ़ियों के लिए अमूल्य धरोहर है। यह देहरादून का धड़कता दिल और उत्तराखंड की हरित-पर्यटन पहचान का प्रमुख केंद्र बनेगा।”
सचिव मोहन सिंह बर्निया का संदेश
“यह पार्क केवल एक पार्क नहीं, बल्कि देहरादून के भविष्य की हरित-धरोहर है। यहाँ प्रकृति, स्वास्थ्य, योग, आयुर्वेद, बच्चों की हँसी और पर्यटन का संगम है। आने वाले वर्षों में यह विश्व स्तर पर देहरादून की पहचान बनेगा।”
@SunegaIndia | 14 नवंबर 2025, सुबह 9:30 बजे #DehradunCityForestPark #CMDhamiDreamProject #GreenUttarakhand #EcoTourism

