उत्तराखंड को आपदाग्रस्त राज्य घोषित करने की मांग, कांग्रेस ने केंद्र से मांगा राहत पैकेज
इस साल मानसून ने उत्तराखंड में भारी तबाही मचाई है। अत्यधिक बारिश, भूस्खलन और बादल फटने की घटनाओं ने राज्यभर में जन-धन का बड़ा नुकसान किया है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अब तक 2500 करोड़ रुपए से अधिक की क्षति का अनुमान लगाया गया है।
कांग्रेस का बड़ा बयान
कांग्रेस की प्रदेश प्रवक्ता प्रतिमा सिंह ने कहा कि इस बार के मानसून ने उत्तराखंड को गहरी चोट दी है। उत्तरकाशी के धराली से लेकर चमोली के थराली और पौड़ी तक आपदाओं ने तबाही मचाई है।
उन्होंने बताया कि इन घटनाओं में अब तक 75 लोगों की मौत हो चुकी है, कई लोग लापता हैं और सैकड़ों परिवार बेघर हो गए हैं।
केंद्र से आपदा राहत पैकेज की मांग
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि राज्य सरकार के आकलन के अनुसार नुकसान बेहद गंभीर है। ऐसे हालात में मुख्यमंत्री द्वारा केंद्र से मदद मांगना बिल्कुल उचित है।
उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की कि उत्तराखंड को आपदाग्रस्त राज्य घोषित किया जाए और इसके आधार पर राज्य को विशेष वित्तीय पैकेज (Financial Package) दिया जाए, ताकि आपदा प्रभावित लोगों को राहत मिल सके।
केंद्र की टीम पर सवाल
प्रतिमा सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार उत्तराखंड भेजी जाने वाली निरीक्षण टीम की बात करती है, लेकिन जब राज्य सरकार के पास विभागवार विस्तृत रिपोर्ट मौजूद है तो अतिरिक्त निरीक्षण की आवश्यकता नहीं है।
“डबल इंजन सरकार में मुख्यमंत्री भी उन्हीं की पार्टी के हैं। उनकी रिपोर्ट पर ही केंद्र को संज्ञान लेना चाहिए,” – प्रतिमा सिंह।
तबाही की तस्वीर
- पहाड़ों में लगातार भूस्खलन
- कई स्थानों पर बादल फटना
- 2500 करोड़ से अधिक की क्षति
- 75 लोगों की मौत, कई लापता
- ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क, पुल और घर तबाह
कांग्रेस की अपील
कांग्रेस का कहना है कि आपदाओं ने उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था को झकझोर कर रख दिया है। इसलिए अब केंद्र को त्वरित निर्णय लेकर उत्तराखंड को आपदाग्रस्त राज्य घोषित करना चाहिए, ताकि राहत और पुनर्वास कार्यों को गति मिल सके।