यमुनोत्री धाम में मध्य प्रदेश की महिला श्रद्धालु की हृदयगति रुकने से मौत, यात्रा मार्ग पर बिगड़ी तबीयत
उत्तरकाशी, 3 मई 2025: उत्तराखंड की पवित्र चारधाम यात्रा के दौरान यमुनोत्री धाम की ओर बढ़ रही मध्य प्रदेश की एक महिला श्रद्धालु की अचानक तबीयत बिगड़ने से मृत्यु हो गई। घटना शनिवार को उस समय हुई जब महिला पैदल मार्ग से धाम की ओर बढ़ रही थीं। मौके पर मौजूद अन्य यात्रियों और पुलिस की मदद से उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
यात्रा के दौरान ‘नौ कैंची’ के पास बिगड़ी तबीयत
मृतका की पहचान रमी बाई गुर्जर (60 वर्ष), निवासी मध्य प्रदेश के रूप में हुई है। वह अपने परिजनों के साथ यमुनोत्री धाम की यात्रा पर निकली थीं। शनिवार को जब वे जानकी चट्टी से यमुनोत्री की ओर पैदल यात्रा कर रही थीं, तभी पैदल मार्ग के ‘नौ कैंची’ नामक स्थान पर अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई और वह बेहोश होकर गिर पड़ीं।
मौके पर मौजूद श्रद्धालुओं और सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत उन्हें जानकी चट्टी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
डॉक्टर ने हृदयगति रुकने को बताया संभावित कारण
जानकी चट्टी चिकित्सालय में तैनात चिकित्सक डॉ. हरदेव सिंह पंवार ने बताया कि प्राथमिक दृष्टि में महिला की मौत का कारण हृदय गति रुकना (Cardiac Arrest) प्रतीत होता है। उन्होंने कहा कि तीर्थयात्रा के दौरान अत्यधिक शारीरिक exertion और ऑक्सीजन की कमी बुजुर्ग यात्रियों के लिए खतरनाक हो सकती है, विशेष रूप से वे जो पूर्व से किसी स्वास्थ्य समस्या से ग्रस्त हैं।
पुलिस ने की कानूनी कार्रवाई, शव सौंपा गया परिजनों को
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और आवश्यक पंचनामा की कार्रवाई कर शव को परिजनों को सौंप दिया गया। प्रशासन द्वारा सभी श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि वे यात्रा से पूर्व स्वास्थ्य जांच अवश्य करवाएं और अपनी शारीरिक क्षमता के अनुसार ही यात्रा करें।
यमुनोत्री में तीर्थयात्रियों की संख्या 38 हजार पार
गौरतलब है कि 30 अप्रैल को अक्षय तृतीया के दिन यमुनोत्री धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोले गए थे। तब से लेकर अब तक 38,070 तीर्थयात्री माँ यमुना के दर्शन कर चुके हैं।
- शनिवार, 3 मई को ही कुल 8,536 श्रद्धालु धाम पहुंचे, जिनमें
- 4,515 पुरुष
- 3,829 महिलाएं
- 192 बच्चे शामिल हैं।
प्रशासन ने लगातार बढ़ती तीर्थयात्रियों की संख्या को देखते हुए मार्ग पर चिकित्सा सहायता, आपातकालीन सेवाएं, जलपान केंद्र और रेस्ट पॉइंट्स स्थापित किए हैं। इसके बावजूद, इस प्रकार की घटनाएं यह स्पष्ट करती हैं कि तीर्थ यात्रा के दौरान स्वास्थ्य सुरक्षा और सावधानी अत्यंत आवश्यक है।
यात्रियों के लिए प्रशासन की अपील
उत्तराखंड प्रशासन ने सभी श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे यात्रा से पूर्व अपने स्वास्थ्य की जांच करवाएं, और विशेषकर हृदय रोग, श्वसन संबंधी समस्याएं या उच्च रक्तचाप से पीड़ित व्यक्ति यात्रा के दौरान सतर्कता बरतें। राज्य सरकार द्वारा चारधाम यात्रा मार्गों पर मोबाइल चिकित्सा इकाइयाँ, हेल्प डेस्क और हेल्थ वार्निंग साइन बोर्ड भी लगाए गए हैं।