उत्तराखंड में परिवार पहचान पत्र लागू करने की तैयारी, लाभार्थियों का मिलेगा सटीक डेटा, होंगे कई लाभ
देहरादून: उत्तराखंड सरकार परिवार पहचान पत्र तैयार करने जा रही है। हालांकि इसकी शुरुआत हरियाणा सरकार ने की थी, लेकिन उत्तराखंड सरकार इसे और बेहतर बनाने का प्रयास कर रही है। नया प्रारूप सुनिश्चित करेगा कि यह केवल राज्य के परिवारों की जानकारी नहीं लेगा, बल्कि इससे कई योजनाओं के आंकड़े भी इकट्ठा किए जाएंगे।
हरियाणा की पहल से प्रेरित: जब हरियाणा ने परिवार पहचान पत्र की शुरुआत की, तो अन्य राज्यों को भी इस दिशा में काम करने के लिए प्रेरित किया गया। उत्तराखंड सरकार ने भी इस पहल को अपनाते हुए इसे एक कदम आगे बढ़ाने का फैसला किया है। इसका उद्देश्य केवल प्रदेश में रहने वाले लोगों की जानकारी लेना नहीं है, बल्कि इससे कई अन्य लाभ भी जुड़े होंगे।
कई लाभार्थियों की जानकारी: परिवार पहचान पत्र के माध्यम से राज्य सरकार विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ किन-किन परिवारों को और कितनी बार मिला है, इस पर डेटा जुटा सकेगी। इससे न केवल नई योजनाओं का निर्माण होगा, बल्कि उन लाभार्थियों का भी पता चल सकेगा जो लगातार सरकारी योजनाओं के लाभान्वित हो रहे हैं।
नियोजन विभाग की जिम्मेदारी: इस पूरी योजना की जिम्मेदारी नियोजन विभाग को सौंपी गई है, जिसने राष्ट्रीय सूचना केंद्र की सहायता से एक पोर्टल तैयार किया है। इस पोर्टल के माध्यम से योजना के संचालन और मॉनिटरिंग की जाएगी।
निजी एजेंसी के सहयोग से कार्य: सरकार इस प्रक्रिया में एक निजी एजेंसी के साथ काम करेगी, जिससे परिवारों की पूरी जानकारी एकत्रित की जा सकेगी। सचिव नियोजन मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि परिवार पहचान पत्र का उद्देश्य केवल डेटा इकट्ठा करना नहीं है, बल्कि यह भविष्य में लोगों के लिए योजनाओं की रूपरेखा तय करने में भी सहायक होगा।
निष्कर्ष: इस पहल से उत्तराखंड में न केवल पारिवारिक डेटा का संकलन होगा, बल्कि इससे भविष्य की योजनाओं के निर्माण में भी मदद मिलेगी। सरकार का यह कदम विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।