उत्तराखंड: गोल्डन कार्ड योजना में होंगे अहम बदलाव, सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को राहत देने की तैयारी
उत्तराखंड सरकार राज्य के सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिए चलाई जा रही गोल्डन कार्ड योजना में अहम बदलाव करने जा रही है। मंगलवार को स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठक में इस पर फैसला लिया गया।
बैठक के दौरान स्वास्थ्य मंत्री ने योजना में आ रही कमियों की समीक्षा की और अधिकारियों को निर्देश दिए कि सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को हो रही समस्याओं का जल्द समाधान किया जाए।
दरअसल, गोल्डन कार्ड योजना के तहत कई निजी अस्पतालों ने इलाज से इनकार करना शुरू कर दिया है, जिससे हजारों लाभार्थियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। बताया जा रहा है कि इन अस्पतालों का सरकार पर 150 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान लंबित है, जिसके चलते वे नए मरीजों को भर्ती नहीं कर रहे हैं।
तीन प्रमुख बदलावों का प्रस्ताव
राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने योजना में सुधार के लिए तीन मुख्य प्रस्ताव पेश किए हैं:
- गैप फंडिंग
- थर्ड पार्टी बीमा मॉडल
- प्रीमियम में वृद्धि
स्वास्थ्य मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इन प्रस्तावों पर जल्द निर्णय लिया जाए और इसे कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजा जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स के हित में यह निर्णय जल्द से जल्द लिया जाना चाहिए।
गौरतलब है कि गोल्डन कार्ड योजना से राज्य के तीन लाख से अधिक कर्मचारी और पेंशनभोगी जुड़े हुए हैं। निजी अस्पतालों द्वारा इलाज बंद करने से उनके समक्ष स्वास्थ्य सेवाओं का बड़ा संकट खड़ा हो गया है।