उत्तराखंड: ईकोलाॅजी और ईकोनाॅमी के संतुलन के लिए ‘नौ सूत्र प्रगति प्रकृति संतुलन मिशन’ पर मुख्य सचिव ने दिए निर्देश
देहरादून: उत्तराखंड में ईकोलाॅजी और ईकोनाॅमी के बीच संतुलन बनाए रखने के लिए निर्धारित किए गए फ्रेमवर्क ‘‘नौ सूत्र प्रगति प्रकृति संतुलन मिशन’’ पर गम्भीरता से कार्य करने के निर्देश मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सचिवालय में सचिव समिति की बैठक में दिए। उन्होंने सभी सचिवों से इस मिशन से संबंधित सुझाव मांगे और इसकी प्रभावी कार्यान्वयन के लिए आवश्यक कदम उठाने की हिदायत दी।
मुख्य सचिव ने विशेष रूप से बुनियादी ढांचे के विकास पर जोर देते हुए सचिव कृषि को राज्य में बदलती जलवायु के अनुकूल खेती के लिए जैविक कृषि, मृदा संरक्षण और कुशल सिंचाई प्रबंधन से संबंधित योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करने के निर्देश दिए। इसके अलावा, उन्होंने सचिव पर्यटन को राज्य में ईको-सर्टिफिकेशन, वेस्ट मेनेजमेंट और इको टूरिज्म नीतियों को पूरी तरह से क्रियान्वित करने के लिए कहा।
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सचिव उद्योग को ग्रीन टेक्नोलॉजी के उपयोग से उद्योग क्षेत्र में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा और सस्टेनिबिलिटी को बढ़ावा देने के निर्देश दिए। साथ ही, सचिव ऊर्जा को छोटे जल विद्युत प्रोजेक्ट्स और सौर ऊर्जा परियोजनाओं को बढ़ावा देने की बात कही, जो ईकोलाॅजिकल सेफगार्ड के तहत हों।
सचिव आवास एवं लोक निर्माण विभाग को जलवायु अनुकूल आवासों और सड़कों के निर्माण के लिए सत्तशील निर्माण तरीकों को अपनाने की सलाह दी गई। मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य के पर्यावरण और आर्थिकी में संतुलन बनाए रखने के लिए अन्य देशों और राज्यों में अपनाई जा रही बेहतरीन प्रैक्टिसेज का अध्ययन किया जाए और राज्य की परिस्थितियों के अनुरूप उनका क्रियान्वयन किया जाए।
मुख्य सचिव ने अधिकारियों से यह भी कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा शुरू किए गए नौ सूत्री फ्रेमवर्क पर एक विस्तृत एक्शन प्लान तैयार करें और इसे पूरी गंभीरता से लागू करें। बैठक में अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर के सुधांशु, सचिव एल फैनई, सचिव आर मीनाक्षी सुन्दरम और अन्य सभी विभागों के सचिव मौजूद थे।
इस बैठक में लिए गए निर्णयों के अनुसार, राज्य में पर्यावरणीय और आर्थिंक संतुलन को बढ़ावा देने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे, ताकि उत्तराखंड एक हरित और सस्टेनेबल राज्य बन सके।