करन माहरा ने विशेष सत्र की अवधि बढ़ाने की मांग की, बोले – “अगर गैरसैंण में होता तो राज्य की भावना होती चरितार्थ”
देहरादून: उत्तराखंड सरकार राज्य स्थापना दिवस (3-4 नवंबर) के अवसर पर देहरादून में विधानसभा का दो दिवसीय विशेष सत्र आयोजित करने जा रही है। लेकिन विपक्ष ने इस सत्र की अवधि को लेकर सरकार पर सवाल खड़े किए हैं।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने विशेष सत्र की अवधि 2 दिन से बढ़ाकर 9 दिन करने की मांग की है और कहा कि अगर सत्र गैरसैंण में आयोजित होता, तो यह राज्य की मूल भावना के अनुरूप होता।
🗣️ “दो दिन का सत्र राज्य के साथ मजाक” – करन माहरा
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि उत्तराखंड को बने 25 वर्ष पूरे होने जा रहे हैं, यह गर्व की बात है, लेकिन सरकार ने केवल दो दिन का सत्र रखकर राज्य की जनता के साथ मजाक किया है।
उन्होंने कहा —
“अगर सरकार वास्तव में जनहित के मुद्दों पर चर्चा चाहती, तो 3 नवंबर से 9 नवंबर तक सत्र चलता। इससे राज्य की आर्थिक स्थिति, आपदा प्रबंधन, बेरोजगारी और कानून व्यवस्था जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा हो सकती थी।”
⚖️ राज्य के मुद्दों पर चर्चा की जरूरत बताई
करन माहरा ने कहा कि अगर सत्र की अवधि बढ़ाई जाती तो प्रदेश की आर्थिक स्थिति, भर्ती घोटालों, महिला अपराधों और बेरोजगारी जैसे गंभीर मुद्दों पर खुली बहस हो सकती थी।
उन्होंने कहा —
“2022 और 2025 में भर्ती परीक्षाओं में बड़े घोटाले हुए, अपराध बढ़ रहे हैं, खासकर महिलाओं से जुड़े अपराधों में तेजी आई है। कानून व्यवस्था चरमरा गई है, लेकिन सरकार इन मुद्दों पर चर्चा से बच रही है।”
🏛️ “गैरसैंण में सत्र होता तो पर्वतीय भावना को मिलता सम्मान”
कांग्रेस अध्यक्ष ने यह भी कहा कि यदि सरकार इस विशेष सत्र को गैरसैंण में आयोजित कराती तो यह पर्वतीय राज्य की मूल भावना और जनआकांक्षाओं के अनुरूप कदम होता।
माहरा ने कहा —
“2 दिन का सत्र बुलाना केवल औपचारिकता है। अगर यह सत्र गैरसैंण में होता और 9 दिन चलता, तो सरकार जनता के प्रति अपनी जवाबदेही दिखा सकती थी।”
🏞️ राज्य स्थापना दिवस पर सरकार की तैयारी
धामी सरकार 3 और 4 नवंबर को राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर कई कार्यक्रम आयोजित करने जा रही है। इसी कड़ी में देहरादून में यह विशेष सत्र बुलाया गया है।
हालांकि, विपक्ष लगातार मांग कर रहा है कि राज्य से जुड़े महत्वपूर्ण निर्णय और बहसें स्थायी राजधानी गैरसैंण में ही होनी चाहिएं।


 
		 
			 
			 
			 
			 
			