लोन रिकवरी में गुंडागर्दी पर अब लगेगा लगाम, तमिलनाडु विधानसभा में पास हुआ सख्त कानून, 3 साल की जेल का प्रावधान
चेन्नई: तमिलनाडु विधानसभा ने सोमवार को आम जनता की सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण को मजबूत करने के उद्देश्य से दो महत्वपूर्ण संशोधन विधेयकों को ध्वनि मत से पारित कर दिया। इन विधेयकों में सबसे अहम है—लोन रिकवरी में गुंडागर्दी और जबरन वसूली करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का प्रावधान। उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन द्वारा पेश किए गए इस विधेयक में ऐसे मामलों में तीन साल तक की कैद और भारी जुर्माना लगाने का प्रावधान किया गया है।
लोन रिकवरी पर शिकंजा कसने वाला कानून
तमिलनाडु में लोन रिकवरी एजेंटों और फाइनेंस कंपनियों द्वारा जबरन वसूली के मामले लंबे समय से चिंता का विषय रहे हैं। खासकर आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को परेशान करने की घटनाएं लगातार सामने आती रही हैं। अब नए कानून के तहत:
- जबरदस्ती पर रोक: कोई भी फाइनेंस कंपनी या एजेंट उधारकर्ता और उसके परिवार को धमका नहीं सकेगा, न ही पीछा कर सकेगा और न ही बिना प्रक्रिया के संपत्ति जब्त कर सकेगा।
- कड़ी सजा: इन प्रावधानों का उल्लंघन करने पर तीन साल तक की सजा और पांच लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकेगा।
- आत्महत्या की स्थिति में जवाबदेही: अगर उधारकर्ता जबरन वसूली के चलते आत्महत्या करता है, तो ऋणदाता संस्था पर आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज होगा और आरोपियों को बिना जमानत जेल भेजा जाएगा।
- शिकायत निवारण प्रणाली: सरकार शिकायत निवारण अधिकारी नियुक्त करेगी, जिससे ऋणदाता और उधारकर्ता के बीच विवाद त्वरित और निष्पक्ष तरीके से सुलझाए जा सकें।
बायोमेडिकल वेस्ट डंपिंग पर भी सख्ती
दूसरा विधेयक राज्य में बढ़ते बायोमेडिकल वेस्ट की समस्या को लेकर है। खासकर अस्पतालों और पड़ोसी राज्यों से अवैध रूप से डंप किए जाने वाले बायोमेडिकल कचरे पर अब सरकार ने सख्त रुख अपनाया है। यह कचरा संक्रामक बीमारियों और पर्यावरण प्रदूषण का कारण बन रहा है।
- निवारक हिरासत का प्रावधान: नए कानून में बायोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट रूल्स का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ निवारक हिरासत का प्रावधान है।
उपमुख्यमंत्री स्टालिन ने कहा कि ये दोनों विधेयक तमिलनाडु को अधिक सुरक्षित, न्यायपूर्ण और स्वच्छ राज्य बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं।