उत्तराखंड में पर्यावरण संरक्षण की नई पहल: हर डिवीजन में लगेंगे 1000 फलदार पौधे, मुख्यमंत्री धामी का निर्देश
विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य के वन विभाग को निर्देश दिए हैं कि इस वर्ष प्रत्येक वन प्रभाग (डिवीजन) में कम से कम 1000 फलदार पौधे लगाए जाएं। देहरादून स्थित ‘मुख्य सेवक सदन’ में आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि फलदार पौधों से न केवल हरियाली बढ़ेगी, बल्कि जंगली जानवरों को भी प्राकृतिक आहार मिल सकेगा।
मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों और पर्यटकों से अपील की कि वे वन्य जीवों को ऐसे खाद्य पदार्थ न दें, जो उनकी सेहत के लिए हानिकारक हों। साथ ही उन्होंने जन्मदिन, विवाह वर्षगांठ और अन्य महत्वपूर्ण अवसरों पर पौधारोपण करने का भी आह्वान किया। उन्होंने कहा कि ऐसे छोटे प्रयासों से ही पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड प्राकृतिक सौंदर्य और जैव विविधता से परिपूर्ण राज्य है। घने जंगल, पवित्र नदियां और हिमालयी क्षेत्र इसकी भौगोलिक पहचान हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत की नवीकरणीय ऊर्जा में बढ़ती हिस्सेदारी, सौर मिशन, इलेक्ट्रिक मोबिलिटी, ग्रीन हाइड्रोजन मिशन, स्वच्छ भारत अभियान, नमामि गंगे और प्लास्टिक मुक्त भारत जैसी योजनाओं को पर्यावरण संरक्षण में मील का पत्थर बताया।
राज्य में पारंपरिक जल स्रोतों—नौले, धारों और नदियों—के संरक्षण के लिए “स्प्रिंग एंड रिवर रीजुवेनेशन अथॉरिटी (SARA)” का गठन किया गया है। पिछले एक वर्ष में 6,500 से अधिक जल स्रोतों का संरक्षण और पुनर्जीवन कार्य सफलतापूर्वक किया गया है। साथ ही करीब 3.12 मिलियन घन मीटर वर्षा जल का संग्रहण भी हुआ है।
चारधाम यात्रा और विभिन्न धार्मिक व पर्यटन स्थलों पर आने वाले वाहनों में अब कूड़ेदान रखना अनिवार्य कर दिया गया है। मुख्य सचिव आनंद वर्धन ने कहा कि विकास के साथ पर्यावरण संरक्षण भी जरूरी है, जिसके लिए “ग्रीन एनवायरनमेंट प्रोडक्ट” का कॉन्सेप्ट लाया गया है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर अब राज्य स्तर पर पर्यावरण पुरस्कार भी शुरू किए गए हैं।
इस अवसर पर प्रमुख वन संरक्षक डॉ. धनंजय मोहन और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।