मुख्यमंत्री धामी ने वर्चुअली किया पुगराऊँ महोत्सव का शुभारंभ
देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को सचिवालय से पिथौरागढ़ जिले के पांखु में आयोजित तीन दिवसीय पुगराऊँ महोत्सव का वर्चुअल शुभारंभ किया। यह महोत्सव आदिशक्ति मां कोकिला कोटगाडी भगवती के आशीर्वाद से आयोजित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि यह महोत्सव लोक संस्कृति, खेल-कूद, शैक्षिक विकास और स्थानीय प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने का एक महत्वपूर्ण मंच है। इससे न केवल हमारी परंपराओं को संजोया जा सकेगा, बल्कि स्थानीय कला एवं संस्कृति को भी नई पहचान मिलेगी।
गांवों के विकास के लिए बड़ी घोषणाएँ
मुख्यमंत्री ने थल-धरमघर-पांखू मोटर मार्ग के निर्माण और बंद पड़ी आईटीआई को पुनः संचालित करने का आश्वासन दिया। इसके अलावा, महोत्सव के सफल आयोजन के लिए 5 लाख रुपये की सहायता राशि देने की भी घोषणा की।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार गांवों के सशक्तिकरण के लिए कई योजनाएँ चला रही है, जिससे गाँवों को आत्मनिर्भर बनाया जा सके। डिजिटल इंडिया के तहत सुदूर गांवों में इंटरनेट कनेक्टिविटी लाई जा रही है, ताकि युवा ऑनलाइन शिक्षा और स्टार्टअप के क्षेत्र में आगे बढ़ सकें।
पर्यटन और आर्थिक विकास को बढ़ावा
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहली बार उत्तराखंड में पर्यटन को ग्रीन इकोनॉमी के रूप में विकसित किया जा रहा है, जिससे गांवों को सीधा लाभ मिलेगा। होम स्टे योजना और जैविक उत्पादों को बढ़ावा देकर स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान किए जा रहे हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि “मानस खंड मंदिर माला मिशन” के तहत कुमाऊं मंडल के ऐतिहासिक मंदिरों का पुनर्निर्माण किया जा रहा है। इस योजना के दूसरे चरण में माँ कोटगाड़ी मंदिर का भी जीर्णोद्धार किया जाएगा।
महिला सशक्तिकरण की दिशा में प्रयास
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार महिला सशक्तिकरण के लिए लखपति दीदी योजना को प्रभावी रूप से लागू कर रही है। इसके तहत पहाड़ों की महिलाओं को हर्बल खेती, जैविक उत्पाद, बागवानी और लोक कला के माध्यम से आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है।
इसके अलावा, “वोकल फॉर लोकल” और “एक जनपद दो उत्पाद” योजना से स्थानीय लोगों को स्वरोजगार के नए अवसर मिल रहे हैं।
राज्य के विकास की ओर मजबूत कदम
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में उत्तराखंड तेजी से विकास की ओर अग्रसर है। राज्य में वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना और अमृत मिशन जैसी योजनाओं के माध्यम से गांवों को मजबूत बनाया जा रहा है।
उन्होंने विश्वास जताया कि आने वाले वर्षों में उत्तराखंड की सांस्कृतिक, धार्मिक और आर्थिक विरासत को और मजबूती मिलेगी, जिससे हर गांव आत्मनिर्भर और समृद्ध बन सकेगा।