पीएम मोदी ने किया ‘नवकार महामंत्र’ का जाप, शांति, भाईचारे के लिए लोगों से भी किया जाप का आह्वान – NAVKAR MAHAMANTRA DIVAS
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को राजधानी में आयोजित जैन नवकार महामंत्र दिवस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ‘नवकार महामंत्र’ का जाप किया और देशवासियों से भी इस पवित्र मंत्र का जाप करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि यह महामंत्र न केवल अध्यात्म से जुड़ा है बल्कि विकसित भारत के विजन से भी मेल खाता है।
सुबह 8:27 बजे सामूहिक जाप का आह्वान
पीएम मोदी ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लोगों से सुबह 8:27 बजे नवकार महामंत्र का सामूहिक जाप करने की अपील की। उन्होंने कहा कि “हर आवाज़ शांति, शक्ति और सद्भाव लेकर आए।” इस मंत्र की शुरुआत होती है:
णमो अरिहंताणं, णमो सिद्धाणं, णमो आयरियाणं, णमो उवज्झायाणं, णमो लोए सव्वसाहूणं।
उन्होंने कहा कि यह जाप शांति, सामाजिक समरसता और आत्मबल को बढ़ावा देने का एक मार्ग है। जैन धर्म में यह मंत्र सर्वमान्य और सांप्रदायिक सीमाओं से परे माना जाता है, जो आंतरिक जागृति और सार्वभौमिक कल्याण को बढ़ावा देता है।
8:27 AM का समय क्यों खास है?
जैन परंपरा में यह समय ध्यान और शुभ ग्रहों की स्थिति से जोड़ा जाता है। पीएम मोदी का यह प्रयास भारत की सांस्कृतिक एकता और आध्यात्मिक विविधता का प्रतीक है।
नए संसद भवन में जैन धर्म की झलक
कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने बताया कि नए संसद भवन में भी जैन परंपरा की छवि साफ़ दिखाई देती है।
- शार्दूल द्वार से प्रवेश करते ही ‘सम्मेद शिखर’ की झलक मिलती है।
- लोकसभा द्वार पर तीर्थंकर की मूर्ति, जो ऑस्ट्रेलिया से मंगवाई गई है।
- संविधान भवन की छत पर भगवान महावीर की अद्भुत पेंटिंग और दीवारों पर सभी 24 तीर्थंकरों की तस्वीरें लगी हैं।
आत्मविजय ही असली विजय है
प्रधानमंत्री ने कहा, “नवकार महामंत्र हमें खुद पर विश्वास करना सिखाता है। असली दुश्मन हमारे अंदर है—नकारात्मकता, स्वार्थ और बेईमानी। जैन धर्म हमें इन पर विजय प्राप्त करने की प्रेरणा देता है।”
उन्होंने यह भी बताया कि गुजरात में जन्म लेने के कारण उनका जैन धर्म से गहरा जुड़ाव रहा है और वे बचपन से जैन आचार्यों के सानिध्य में रहे हैं।
नवकार महामंत्र केवल एक मंत्र नहीं
यह मंत्र आध्यात्मिक ऊर्जा, नैतिकता और सामाजिक दिशा का केंद्र है। पीएम मोदी ने कहा कि यह मंत्र “स्वयं से समाज तक सभी को राह दिखाता है।” उन्होंने सभी से आग्रह किया कि इस मंत्र को जीवन में अपनाकर शांति, एकता और आत्मबल को सशक्त बनाएं।