भारतीय सिनेमा के 112 वर्ष: WAVES 2025 समिट में रामोजी ग्रुप के अत्याधुनिक स्टॉल ने बटोरी सुर्खियाँ, फिल्म टेक्नोलॉजी में दिखाई भविष्य की झलक
मुंबई, 3 मई 2025: भारतीय सिनेमा ने आज अपनी गौरवशाली यात्रा के 112 वर्ष पूर्ण कर लिए हैं। 3 मई 1913 को प्रदर्शित ‘राजा हरिश्चंद्र’ से शुरू हुई यह यात्रा आज तकनीक, रचनात्मकता और वैश्विक पहचान के उस मुकाम पर है, जहां भारतीय फिल्में केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि सांस्कृतिक नवाचार और डिजिटल क्रांति का प्रतिनिधित्व करती हैं।
इस ऐतिहासिक अवसर पर भारत सरकार द्वारा मुंबई के BKC (बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स) में आयोजित ‘WAVES 2025’ ग्लोबल समिट में देश-विदेश से फिल्म निर्माता, तकनीकी विशेषज्ञ, नवोदित निर्देशक, छात्र और निवेशक शामिल हुए। समिट का उद्देश्य भारतीय फिल्म उद्योग को नई तकनीकों, विचारों और वैश्विक मानकों से जोड़ना है।
रामोजी ग्रुप का इंटरैक्टिव स्टॉल बना समिट का सितारा
WAVES 2025 समिट के कई इनोवेटिव पवेलियनों और प्रदर्शनों में से सबसे अधिक चर्चा में रहा रामोजी ग्रुप का इंटरैक्टिव स्टॉल। यह स्टॉल न केवल एक प्रदर्शनी, बल्कि एक जीवंत अनुभव का केंद्र था, जहाँ स्कूली छात्र, युवा फिल्म निर्माता, शिक्षाविद और इंडस्ट्री के पेशेवर बड़ी संख्या में पहुँचे।
यहाँ प्रदर्शित तकनीकों में शामिल थीं:
- ग्रीन स्क्रीन लाइव डेमो,
- वर्चुअल प्रोडक्शन यूनिट,
- एआई-बेस्ड एडिटिंग टूल्स,
- वीएफएक्स के उन्नत मॉडल,
- और ऑगमेंटेड रियलिटी (AR) आधारित स्टोरीटेलिंग समाधान।
रवि जाधव ने जताई तकनीकी नवाचारों की प्रशंसा
समिट के दौरान प्रसिद्ध मराठी फिल्म निर्देशक रवि जाधव अपनी पूरी टीम के साथ रामोजी ग्रुप के स्टॉल पर पहुँचे। उन्होंने स्टॉल पर उपलब्ध तकनीकी डेमो का गहन अवलोकन किया और तकनीकी विशेषज्ञों से चर्चा कर फिल्म निर्माण में इन तकनीकों की उपयोगिता के बारे में जानकारी प्राप्त की।
उनकी जिज्ञासा विशेष रूप से केंद्रित थी:
- कौन-कौन सी मशीनें प्रयोग में लाई जा रही हैं?
- इनका संचालन किस प्रकार होता है?
- इन तकनीकों की लागत और स्केलेबिलिटी क्या है?
रवि जाधव ने कहा,
“फिल्म उद्योग में निरंतर नवाचार ही इसका भविष्य है। जब मैंने फिल्में बनानी शुरू की थीं, तब डिजिटल तकनीक एक उभरती अवधारणा थी। आज वही तकनीक स्ट्रीमिंग प्लेटफ़ॉर्म्स पर राज कर रही है। वीएफएक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस न केवल फिल्म निर्माण की प्रक्रिया को सरल बना रहे हैं, बल्कि पूरी कहानी कहने के ढंग को ही बदल रहे हैं।“
उन्होंने रामोजी स्टॉल को “शैक्षणिक और प्रेरणादायक अनुभव” बताते हुए कहा कि यह युवाओं के लिए सीखने और प्रयोग करने का सर्वोत्तम अवसर है।
समिट में दिखा भारतीय सिनेमा का भविष्य
WAVES 2025 समिट केवल एक प्रदर्शनी नहीं, बल्कि एक आगामी सिनेमा युग का प्रवेश द्वार है। इस मंच के माध्यम से सरकार और इंडस्ट्री के साझेदारी प्रयासों को रेखांकित किया गया, जिनका उद्देश्य है:
- फिल्म शिक्षा और प्रशिक्षण को आधुनिक बनाना
- स्मार्ट फिल्म सिटी हब्स का निर्माण
- टेक्नोलॉजी स्टार्टअप्स के साथ फिल्म उद्योग को जोड़ना
- ग्लोबल को-प्रोडक्शन और डिस्ट्रीब्यूशन प्लेटफ़ॉर्म्स तक पहुंच
इस समिट में देशभर से आए छात्रों, महिला फिल्म निर्माताओं, क्षेत्रीय फिल्म प्रतिनिधियों और OTT प्लेटफ़ॉर्म्स के प्रतिनिधियों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया।
112 वर्षों की यात्रा और अगला कदम
3 मई 1913 को जब दादा साहेब फाल्के की ‘राजा हरिश्चंद्र’ ने भारत में पहली फिल्म के रूप में पर्दा देखा था, तब किसी ने कल्पना नहीं की थी कि एक दिन भारत सिनेमा निर्माण, तकनीक और दर्शकों की दृष्टि से विश्व में अग्रणी भूमिका निभाएगा। WAVES 2025 समिट जैसे आयोजन उस विकास की रफ्तार को नई दिशा दे रहे हैं।
रामोजी ग्रुप जैसे संस्थानों की भागीदारी और तकनीकी नवाचार इस बात का प्रमाण हैं कि भारतीय फिल्म उद्योग आने वाले वर्षों में न केवल कहानियों में, बल्कि तकनीकी परिष्करण और वैश्विक विस्तार में भी अग्रणी रहेगा।