अब कैंची धाम में भी रजिस्ट्रेशन से होंगे दर्शन, कैरिंग कैपेसिटी स्टडी के बाद लागू होगा प्लान
उत्तराखंड के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल कैंची धाम में अब चारधाम की तर्ज पर दर्शन के लिए रजिस्ट्रेशन सिस्टम लागू किया जाएगा। लगातार बढ़ रही पर्यटकों की संख्या को देखते हुए राज्य सरकार और पर्यटन विभाग ने यह निर्णय लिया है। हर महीने लगभग 2 लाख से अधिक श्रद्धालु यहां पहुंच रहे हैं, जिससे यातायात और व्यवस्थाओं पर दबाव साफ दिखाई दे रहा है।
📊 कैरिंग कैपेसिटी की स्टडी होगी
पर्यटन विभाग अब कैंची धाम में कैरिंग कैपेसिटी (Carrying Capacity) यानी दैनिक अधिकतम आगंतुकों की सीमा का आकलन करने जा रहा है। इसके लिए एक्सपर्ट्स की मदद से अध्ययन कराया जाएगा, ताकि यह तय किया जा सके कि प्रतिदिन कितने पर्यटक बिना अव्यवस्था पैदा किए धाम में दर्शन कर सकते हैं।
📷 हाई टेक्नोलॉजी से होगी निगरानी
चारधाम की तरह कैंची धाम में भी हाई रेजोल्यूशन कैमरे लगाए जाएंगे, ताकि आने वाले हर यात्री की हेड काउंटिंग की जा सके। यह डेटा रियल टाइम में संग्रहित होगा और इससे पर्यटकों की संख्या का सटीक विश्लेषण किया जा सकेगा।
📅 रजिस्ट्रेशन सिस्टम होगा लागू
एक बार जब कैरिंग कैपेसिटी का डेटा सामने आ जाएगा, तो उसके आधार पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन सिस्टम को लागू किया जाएगा। यानी, भविष्य में कैंची धाम में दर्शन करने से पहले यात्रियों को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करना अनिवार्य होगा, जिससे व्यवस्था में पारदर्शिता और नियंत्रण बना रहे।
🏠 होमस्टे को भी मिलेगा बढ़ावा
पर्यटन सचिव धीराज सिंह गर्ब्याल ने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर न केवल कैंची धाम में व्यवस्था सुधारने की योजना है, बल्कि यात्रा मार्ग पर होमस्टे संस्कृति को भी बढ़ावा देने की योजना है। गांवों को यात्रा मार्ग से जोड़ा जाएगा, जहां हर घर में एक कमरा होमस्टे के रूप में विकसित किया जाएगा। इससे स्थानीय लोगों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा और यात्रियों को भी बेहतर अनुभव मिलेगा।
🔍 निष्कर्ष:
कैंची धाम में अब बेतरतीब भीड़ पर लगाम लगाने की दिशा में सरकार एक सशक्त योजना की ओर बढ़ रही है। रजिस्ट्रेशन और कैरिंग कैपेसिटी जैसे उपाय न केवल धार्मिक आस्था को व्यवस्थित करेंगे, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए रोजगार का भी नया द्वार खोलेंगे।