पहलगाम आतंकी हमले के चश्मदीद की आपबीती: “परमात्मा ने हमें बचाया”
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के प्रत्यक्षदर्शी के रूप में सबसे पहले सामने आए व्यक्ति मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के बांका नागनपुर गांव के रहने वाले हैं। कांग्रेस नेता और किसान नवीन पटेल ने उस भयावह घटना को याद करते हुए बताया कि किस तरह आतंकियों ने अचानक पर्यटकों पर गोलियां बरसानी शुरू की और वे किस तरह वहां से जान बचाकर निकलने में कामयाब रहे।
छुट्टियां मनाने पहुंचे थे कश्मीर, हुआ हमला
नवीन पटेल अपने एक मित्र के साथ पहलगाम की बैसरन घाटी की वादियों का आनंद लेने गए थे। उन्होंने कल्पना भी नहीं की थी कि यह सुकून भरा सफर एक दर्दनाक घटना में बदल जाएगा। घूमते समय अचानक गोलियों की आवाजें गूंजने लगीं और आतंकियों ने टूरिस्टों पर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। डर और दहशत के बीच उन्होंने भगवान को याद किया और किसी तरह जान बचाकर वहां से भाग निकले।
“गोलियों की आवाज आई, लगा अब अंतिम समय है”
ईटीवी भारत से फोन पर बात करते हुए नवीन पटेल ने बताया, “हम बैसरन की वादियों में घूम रहे थे कि अचानक गोलियों की आवाज आई। हमें कुछ समझ नहीं आया कि क्या हो रहा है। तभी पता चला कि आतंकी हमला हो गया है। उस पल ऐसा लगा जैसे जीवन का अंत आ गया है। हम भगवान को याद करने लगे और वहां से भाग निकले।”
“सेना की वर्दी में थे आतंकी”
नवीन पटेल ने आगे बताया कि गोली चलाने वाले लोग सेना की वर्दी में थे, जिससे भ्रम पैदा हुआ। स्थानीय भाषा बोलने के कारण भी उन्हें पहचानना मुश्किल हो रहा था, लेकिन जल्द ही साफ हो गया कि वे आतंकी थे, जो सैनिकों का भेष धारण करके हमला कर रहे थे।
सेना ने सुरक्षित बाहर निकाला, जम्मू के लिए रवाना किया
हमले के बाद सेना ने मौके पर पहुंचकर नवीन पटेल और अन्य लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला और उन्हें रात में ही जम्मू के लिए रवाना कर दिया। नवीन पटेल ने अपने परिवार से फोन पर बात करते हुए बताया कि वे सभी सुरक्षित हैं और जल्द ही जम्मू से दिल्ली पहुंचेंगे।
यह दर्दनाक घटना एक बार फिर साबित करती है कि जम्मू-कश्मीर के हालात किस कदर संवेदनशील हैं, और वहां पर्यटकों की सुरक्षा में कोई भी चूक कितनी भयावह साबित हो सकती है।