जम्मू-कश्मीर में बाढ़ का कहर: स्कूल-कॉलेज बंद, वैष्णो देवी भूस्खलन पीड़ितों को मुआवजे का ऐलान
जम्मू-कश्मीर में लगातार बारिश और झेलम नदी के उफान से हालात बिगड़ गए हैं। अनंतनाग और पुलवामा के कई निचले इलाके बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। मंगलवार शाम बिजली का तार गिरने से दो लोगों की मौत हो गई, जबकि प्रशासन और बचाव दलों ने दर्जनों खानाबदोशों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया।
घाटी के हालात
- अनंतनाग शहर और आसपास के गांव पांच फीट तक पानी में डूब गए।
- पुलवामा के चेरसू गांव से कई खानाबदोशों को बचाकर स्कूल में शिफ्ट किया गया।
- भारी बारिश से पुल और सड़कों को नुकसान हुआ, बिजली के खंभे और पानी की पाइपलाइनें भी टूट गईं।
प्रशासन की तैयारी
- श्रीनगर नगर निगम ने 49 मोबाइल डीवाटरिंग पंप तैनात किए।
- झेलम और सहायक नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है।
- गुरुवार को सभी स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय बंद रखने के आदेश दिए गए।
- स्वास्थ्य कर्मियों और आपात सेवाओं को हाई अलर्ट पर रखा गया है।
प्रभावित इलाकों में बचाव कार्य
- जम्मू क्षेत्र में अब तक 5000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।
- किश्तवाड़ जिले के वारवान क्षेत्र के मार्गी गांव में अचानक आई बाढ़ से 100 से ज्यादा घर क्षतिग्रस्त हो गए।
- राजमा और मक्के की फसलें नष्ट हो गईं, जबकि भेड़-बकरियां और मवेशी बह गए।
राहत और मुआवजा
- उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने वैष्णो देवी भूस्खलन पीड़ितों के परिवारों को 9 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की।
- सेना, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ राहत कार्यों में जुटी हुई हैं।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को स्थिति की जानकारी दी गई है।
जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने लोगों से नदी-नालों से दूर रहने और सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की है।