एकनाथ शिंदे मानसून सत्र के बीच अचानक पहुंचे दिल्ली, विपक्ष ने उठाए सवाल
Deputy CM Delhi Visit | Maharashtra Politics 2025
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे के अचानक दिल्ली दौरे ने राज्य की सियासत में हलचल मचा दी है। जहां एक ओर मानसून सत्र के दौरान उनका मुंबई से गैरमौजूद रहना विपक्ष को सवाल उठाने का मौका दे रहा है, वहीं दूसरी ओर इस दौरे को लेकर कई राजनीतिक कयास भी लगाए जा रहे हैं।
🔹 दिल्ली में किससे मुलाकात हुई, स्पष्ट नहीं
जानकारी के मुताबिक, एकनाथ शिंदे बुधवार रात से ही दिल्ली में हैं और उन्होंने अपने कई पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों को टाल दिया है।
- सिंदूर ब्रिज उद्घाटन में भी शिंदे मौजूद नहीं रहे।
- उनके करीबी सूत्रों का कहना है कि वह दिल्ली में कुछ बड़े नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं।
हालांकि, इस दौरे का मकसद क्या है, इस पर अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
🔹 उदय सामंत का बचाव: “दिल्ली से फंड लाना भी हमारी ज़िम्मेदारी”
शिंदे की दिल्ली यात्रा को लेकर उठते सवालों के बीच मंत्री उदय सामंत ने उनका बचाव किया। उन्होंने कहा:
“यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम दिल्ली से महाराष्ट्र के विकास के लिए फंड लाएं। एकनाथ शिंदे इसी भावना से दिल्ली गए होंगे।”
🔹 विपक्ष ने साधा निशाना: “सरकार में गैंगवार की खबर देने गए हैं”
कांग्रेस नेता नाना पटोले ने शिंदे की दिल्ली यात्रा पर सवाल खड़े करते हुए कहा:
“वे शायद दिल्ली जाकर सरकार में चल रही गैंगवार की जानकारी देने गए हैं। जनता से जुड़े मुद्दे छोड़ दिल्ली भागना उनकी प्राथमिकता दिखाता है।”
⚠️ शिंदे गुट पर लगातार बढ़ रहा है दबाव
एकनाथ शिंदे की दिल्ली यात्रा ऐसे समय पर हुई है जब शिवसेना गुटों के बीच अंदरूनी कलह और प्रशासनिक कार्रवाई की खबरें सुर्खियों में हैं।
- शिवसेना विधायक संजय गायकवाड़ के खिलाफ हाल ही में विधायक कैंटीन मामले में FIR की अनुमति दी गई है।
- मंत्री संजय शिरसाट को आयकर विभाग की नोटिस मिली है।
- खबरें ये भी हैं कि एकनाथ शिंदे के बेटे श्रीकांत शिंदे (MP) को भी इनकम टैक्स से नोटिस मिला है (हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हुई है)।
इन्हीं मुद्दों को लेकर माना जा रहा है कि शिंदे ने केंद्रीय नेतृत्व से मुलाकात की है और स्थिति को संभालने के प्रयास कर रहे हैं।
📍 राजनीतिक संकेत: ठाकरे गुट की रैली और शिंदे की रणनीति
एकनाथ शिंदे की यात्रा ऐसे समय पर हुई जब ठाकरे बंधुओं की विजय रैली ने राजनीतिक संदेश दिया है।
इसके बाद शिंदे का अचानक दिल्ली दौरा यह संकेत दे सकता है कि बीजेपी नेतृत्व के साथ तालमेल और स्थिति नियंत्रण के लिए वह कदम उठा रहे हैं।
🧾 निष्कर्ष:
महाराष्ट्र की राजनीति में एकनाथ शिंदे की दिल्ली यात्रा ने सत्ता के भीतर बेचैनी और विपक्ष की आक्रामकता को और हवा दी है।
अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या शिंदे जल्द मीडिया के सामने आकर दिल्ली दौरे की स्पष्ट वजह बताएंगे या फिर राजनीतिक अटकलें और तेज़ होंगी।