देहरादून: भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच देहरादून में सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल आयोजित, युद्ध जैसे हालातों से निपटने की तैयारी
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है। युद्ध की आशंका के मद्देनज़र देशभर में सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल की जा रही है। इसी क्रम में सोमवार शाम देहरादून में भी मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया।
शाम 4:15 बजे के बाद जिला आपदा कंट्रोल रूम से हवाई हमले की फर्जी सूचना दी गई, जिस पर जिलाधिकारी सविन बंसल ने सायरन के जरिए शहरवासियों को अलर्ट किया और तुरंत राहत एवं बचाव कार्य के लिए आईआरएस सिस्टम सक्रिय किया गया।

घटनाओं का किया गया अभ्यास:
मॉक ड्रिल के दौरान दिखाया गया कि एमडीडीए कॉलोनी में एक मिसाइल हमले से इमारत गिर गई है, जिसमें कई लोग घायल हुए हैं। मेडिकल, एसडीआरएफ और अन्य टीमें तत्काल मौके पर पहुंचीं। वहीं, आईएसबीटी के पास बम धमाके जैसी स्थिति बनाई गई, जिससे भगदड़ मच गई। मौके पर राहत और बचाव दलों ने तत्परता से कार्रवाई की।
घंटाघर का इलेक्ट्रिक सायरन रहा खराब:
शहर के केंद्र घंटाघर में स्थित धारा चौकी का इलेक्ट्रिक सायरन खराब होने के कारण मैन्युअली सायरन बजाया गया। पुलिस और सिविल डिफेंस कर्मियों ने बताया कि वे अपनी तैयारियों को लगातार बेहतर बना रहे हैं।
1971 की यादें और सिविल डिफेंस की भूमिका:
कुछ वरिष्ठ सिविल डिफेंस कर्मचारियों ने 1971 के युद्ध के अनुभव साझा करते हुए बताया कि युद्ध जैसे हालातों में सिविल डिफेंस की भूमिका बेहद अहम होती है। वे मॉक अभ्यासों के जरिए सभी जरूरी तैयारियों को मजबूत कर रहे हैं।
250 सिविल डिफेंस वार्डन तैनात:
देहरादून में वर्तमान में करीब 250 सिविल डिफेंस वार्डन तैनात हैं, जो उत्तर और दक्षिण क्षेत्रों में बंटे हैं। युद्ध या आपात स्थिति में ये सभी पुलिस और प्रशासन के साथ मिलकर कार्य करते हैं।
