Dehradun Builder Baba Sahani Death: कैसे फंसे Gupta Brothers All Details
देहरादून के बाबा साहनी सुसाइड केस से जुड़े मुख्य किरदारों में बाबा साहनी के साथ-साथ अजय कुमार गुप्ता और अनिल कुमार गुप्ता शामिल हैं.
सतेंद्र सिंह साहनी जिन्हें लोग बाबा साहनी के नाम से जानते थे. वो उत्तराखंड के नामचीन बिल्डरों में से एक थे. दूसरी तरफ हैं ajay kumar gupta और उनका साला अनिल कुमार गुप्ता. ये उन्हीं गुप्ता परिवार के सदस्य हैं जो 2018 में साउथ अफ्रीका से भाग कर दुबई चले गए थे.
पहले इन गुप्ता बंधुओं के बारे में ही जानते हैं.
सहारनपुर में रहने वाले गुप्ता परिवार में तीन भाई हैं अतुल गुप्ता, अजय गुप्ता और राजेश गुप्ता. 1993 में पिता के कहने पर सबसे पहले अतुल गुप्ता साउथ अफ्रीका जाते हैं और फिर तीनों भाई साउथ अफ्रिका में बस जाते हैं और धीरे-धीरे अपने बिजनेस शुरु करते हैं. Sahara Group नाम से कंपनी बनाते हैं जो साउथ अफ्रीका में computers, air travel, mining, energy, media और technology जैसे काम करती है.. जिसका टर्नओवर 2018 तक 22 million us dollar यानी की 180 करोड़ से ज्यादा का बताया जाता है. गिप्ता बंधुओं पर साउथ अफ्रिका के राष्ट्रपति के साथ मिलकर वहां धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के कई आरोप लगे थे जिस वजह से वो 2018 में साउथ अफ्रिका से दुबई भाग गए थे.
लेकिन 2018 में वहां के राष्ट्रपति की कुर्सी जाने से पहले पहले ही गुप्ता बंधु दुबई भाग गए थे. अब वो साउथ अफ्रीका के मोस्ट वांटेड हैं और फरार चल रहे हैं. आगे क्या-क्या होता है इसकी ज्यादा जानकारी तो नहीं मिली लेकिन साल 2022 में अतुल गुप्ता और राजेश गुप्ता को दुबई में डीटेन भी कर लिया गया था. लेकिन उन्हें साउथ अफ्रीका को नहीं सौंपा गया.
अब कट टू आते हैं सीधा उत्तराखंड. साल 2019 में भारत की मीडिया में गुप्ता परिवार की चर्चा तब होने लगी जब उन्होंने उत्तराखंड के फेमस टूरिस्ट स्पॉट ऑली में 2000 करोड़ की शादी की थी… और अब फिर से दूसरी बार उत्तराखंड की वजह से ही ये गुप्ता परिवार सुर्खियों में आया है बिल्डर सतेंद्र सिंह साहनी के सुसाइड को लेकर.
साहनी के सुसाइड में जिन दो गुप्ताओं को गिरफ्तार किया गया है उनका नाम है अजय गुप्ता और अनिल गुप्ता. अनिल गुप्ता जैसा की सामने आया है की गुप्ता बंधुओ का साला है. लेकिन अजय गुप्ता,, गुप्ता भाइयों में से एक भाई है और 2019 में इस के बेटे की शादी भी ऑली हुई थी.
बिल्डर बाबा साहनी ने एक सुसाइड नोट छोड़ा है जिसमें कुछ बातें सामने आई हैं. जैसे 2 प्रॉजेक्ट को लेकर उनका अजय और अनिल गुप्ता से विवाद चल रहा था. दोनों प्रोजेक्ट्स में साहनी के साथ दो औऱ पार्टनर थे लेकिन प्रोजेक्ट 1000 करोड़ से ज्यादा के थे इसीलिए इंवेस्टर की तलाश थी जिसमें साहनी की मदद करते हैं बलजीत सोनी नाम के बीजेपी नेता फंडिग के लिए फिर साहनी और उनके पार्टनर अनिल गुप्ता से मिलते हैं अनिल गुप्ता प्रोजेक्ट्स पर 85 प्रतिशत पैसा लगाने को तैयार हो जाते हैं साहनी ने गुप्ता बंधुओं की खराब इमेज को लेकर कॉन्ट्रेक्ट में ये शर्त रखी की प्रोजेक्ट में गुप्ता परिवार का नाम नहीं आएगा औऱ प्रोजेक्ट साइट पर वो नहीं जाएंगे लेकिन कुछ समय बाद ही अनिल गुप्ता की जगह अजय गुप्ता साहनी से डील करने लगे सुसाइड नोट में ये भी जिक्र है की अजय गुप्ता बहुत ही लाउड और एग्रेसिव किस्म का व्यक्ति है इसीलिए उससे बात करना मुश्किल लगता था.. इसके बाद दोनों जीजा साला साहनी और उनके पार्टनर पर दबाव बनाने लगे की अपनी कंपनी और दोनों प्रोजेक्ट उनके नाम पर कर दे. दबाव बनाने के लिए उन्होंने सतेंद्र साहनी पर सहारनपुर में झूठा मुकदमा भी कर दिया जिसके बाद दबाव में आकर साहनी के दोनों पार्टनर्स ने उनका साथ छोड़ दिया अब गुप्ता बंधु साहनी और उसके बेटे को जेल भेजने की दमकी देते सहारनपुर पुलिस भी साहनी को बार बार पेशी लिए बुला रहा थी.
ये सारी बातें सतेंद्र सिंह साहनी के सुसाइड नोट से सामने आई हैं.
वहीं मौत से 7 दिन पहले भी साहनी ने अनिल और अजय गुप्ता के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया था.
इन सभी सबूतों के आधार पर अनिल गुप्ता और अजय गुप्ता पर धारा 306 आत्महत्या के लिए उकसाने, धारा 420 धोखाधड़ी और धारा 385 जबरन वसूली करने के लिए धमकाने के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. और फिर 14 दिन की न्यायिक हिरासत पर भेजा गया.
फिलहाल उत्तराखंड पुलिस ने इस पूरे की जांच कर रही है. लेकिन गुप्ता बंधुओं की गिरफ्तारी के बाद साउथ अफ्रिका की सरकार चौकन्नी हुई है और भारत सरकार से इस विषय पर बात कर रही है. क्योंकि लंबे समय से वो भी गुप्ता बंधुओं को अपने देश लाने की कोशिश कर रहे हैं. यूएई में अतुल और राजेश गुप्ता के डीटेन होने के बाद अफ्रिकी सरकार को वहां से असफलता हाथ लगी थी. इसीलिए उनकी नजरें भारत पर हैं ताकी वो अजय गुप्ता को अपने साथ लेकर जा सकें.
साउथ अफ्रीकी सरकार ने तीनों गुप्ता भाइयों को भगोड़ा गोषित किया है. इनमें सबसे बड़ा आजय गुप्ता ही है औऱ उसे ही साउथ अफ्रिका में हुए फ्रॉड का मास्टर माइंड माना जाता है. लेकिन गजब बात ये हो रही है की साइथ अफ्रिकी ऑफिसियल्स इस चीज की पुष्टी नहीं कर पा रहे हैं की क्या ये वही अजय गुप्ता है जो उनके देश से बागा था. और तो और साउथ अफ्रिका के न्याय मंत्री भी कह रहे हैं की उनके पास केवल अतुल और राजेश की गिरफ्तारी के वारंट हैं. और देहरादून के अजय गुप्ता के अफ्रिकी अजय गुप्ता होने की पुष्टी वो नहीं कर सकते हैं.
कैसी अजीब बात है ना की जिस अजय गुप्ता को अफ्रिका में हुए फ्रॉड का मास्टर माइंड कहा जाता है. उसे ही वहां की सरकार पहचान नहीं पा रही है. और तो और ये भी कह रही है की उनके पास केवल अतुल और राजेश गुप्ता की गिरफ्तारी की वारंट है.
इसके अलावा देहरादून के एसएसपी ने भी कहा है की अजय गुप्ता के खिलाफ ना तो कोई Interpol notice है और ना ही साउथ अफ्रिका में कोई case.
लेकिन अफ्रिकी मीडिया की खबर के मुताबिक फोटो और डॉक्यूमेंट से ये कन्फर्म होता है की ये वही अजय गुप्ता है जो अफ्रिका में स्टेट कैप्चर करने का मास्टर माइंड है… लेकिन इन खबरों के बाद भी अलग-अलग स्टेटमेंट आ रहे हैं…
अजय गुप्ता पर इतना सस्पेंस वाकई में काफी सनसनीखेज है.. बहरहाल ये तो साउथ अफ्रिका का मैटर है वही लोग जानें. बात यहां होनी चाहिए अपने देश की सरकारों पर. जिस प्रदेश पर गुप्ता बंधु बड़े मेहरबान हैं. वो है उत्तराखंड. 200 करोड़ की शादी और Z+ सिक्योरिटी दोनों ही गुप्ता बंधुओं को यहां की सरकार दे चुकी है. खानपुर विधायक उमेश कुमार ने इसी तरह की बातें अपने एक वीडियो में कही हैं.
अखिलेश यादव ने भी बाबा साहनी की मौत पर कहा है की सबसे खतरनाक बात ये है कि ये तंत्र एक राज्य की सीमाओं में नहीं बंधा है बल्कि आसपास के राज्यों तक में दखलअंदाजी करके लाखों-करोड़ों वसूलता है और लोगों को आत्महत्या तक करने के लिए मजबूर करता है। ये कोई पहली घटना नहीं है, सब जानते हैं कि इसके पीछे कौन लोग हैं। इन वसूली करनेवालों ने यूपी में भी ऐसा ही किया था। अब इनके दुस्साहस की सीमा, सीमा पार करके उत्तराखंड तक पहुंच गई है। इस मामले की न्यायिक जांच हो और सारे तार जोड़कर शासन-प्रशासन में जो लोग भी इसके लिए दोषी हैं, उनको सख्त से सख्त सजा दी जाए।’
बहरहाल वीडियो के अंत में बाबा साहनी के बारे में ये बताना जरूरी है की रियल स्टेट के कारोबार में उनकी ना सिर्फ साफ सुथरी छवी थी बल्की वो उत्तराखंड के बड़े बल्डरों में से एक थे. ऐसे में उन्होंने आत्महत्या करने का ही फैसला क्यों किया ये तो शायद जांच के बाद ही पता चल पाए. लेकिन क्या पैसा आने के बाद इनसान खुश रह सकता है. या सुरक्षित रह सकता है इसके बारे में हम सभी को एक बार फिर से सोचने की जरूरत है.