अगर हरीश चुनाव न लड़ते तो कांग्रेस की बनती सरकार- हरक सिंह
पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने एक बार फिर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत पर तीखा हमला बोला है। हरक ने कहा कि अगर हरीश रावत ने 2022 के विधानसभा चुनाव में हिस्सा नहीं लिया होता तो उत्तराखंड में कांग्रेस की सरकार बन सकती थी।
मीडिया से बातचीत में हरक सिंह ने आरोप लगाया कि हरीश रावत ने चुनाव प्रचार केवल अपने लिए लक्सर (किच्छा) और अपनी बेटी के लिए हरिद्वार ग्रामीण में किया, बाकी राज्य की अन्य सीटों पर उन्होंने कोई सक्रियता नहीं दिखाई। उन्होंने कहा कि हरीश के चुनाव लड़ने से कांग्रेस लक्सर, रामनगर और अन्य सीटें हार गई। अगर वे चुनाव नहीं लड़ते, तो कांग्रेस को इन सीटों सहित और भी कई क्षेत्रों में जीत मिल सकती थी।
हरक सिंह ने दावा किया कि टिकट वितरण के समय उन्होंने हरीश रावत को स्पष्ट तौर पर कहा था कि टिकट केवल जीतने योग्य उम्मीदवारों को दिया जाए, चाहे वे किसी भी धड़े से हों। उन्होंने याद दिलाया कि हरीश रावत ने 2009 में गंगा सभा के मंच से घोषणा की थी कि वे अब चुनाव नहीं लड़ेंगे, लेकिन आज भी लगातार चुनाव लड़ रहे हैं—इसलिए उन पर विश्वास नहीं किया जा सकता।
2016 की घटना का जिक्र, बोले- आज भी मुझे दुख है
हरक सिंह ने 2016 की घटना को लेकर भी बयान दिया और कहा कि उस समय कुछ नशे में चूर लोग सत्ता की भूख में फैसले कर रहे थे, जिसका असर पूरी सरकार पर पड़ा। उन्होंने कहा कि वे अब भी हरीश रावत से माफी की उम्मीद रखते हैं, लेकिन हरीश उन्हें माफ नहीं कर पाए हैं। हरक ने यह भी कहा कि अगर वे केवल पैसे कमाने के लिए राजनीति में आते, तो पहले ही श्रीनगर में प्रोफेसर रहते हुए उन्होंने कारोबार शुरू कर दिया होता।
चुनाव में हार पर भी कसा तंज
हरक ने तंज कसते हुए कहा कि कोई नेता दो-चार वोटों से चुनाव हारता है, लेकिन हरीश रावत नैनीताल सीट से तीन लाख से ज्यादा वोटों के अंतर से हारते हैं, और लालकुआं विधानसभा में भी उन्हें 17 हजार से ज्यादा वोटों से हार का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा कि राजनीति कोई खेल नहीं है, यह जनता की सेवा और सच्चाई का रास्ता है।
भाजपा पर आरोप लगाना छोड़ो, उनसे सीखो
हरक सिंह ने कहा कि राजनीति का सीधा फंडा है—जो जीतता है, वही सिकंदर। उन्होंने यह भी कहा कि जब उनकी पार्टी के नेता भाजपा पर EVM या वोटिंग गड़बड़ी का आरोप लगाते हैं, तो उन्हें लगता है कि भाजपा जो काम कर रही है, उसे हमें भी सीखना चाहिए। उन्होंने कहा कि राजनीति में जरूरी है कि हम दूसरों की गलतियों को उजागर करें, लेकिन अपनी गलतियों को भी ईमानदारी से स्वीकार करें।