चारधाम यात्रा 2025: हाईटेक निगरानी से ट्रैफिक कंट्रोल में चमोली पुलिस, ड्रोन से हो रही रियल-टाइम मॉनिटरिंग
उत्तराखंड में चल रही चारधाम यात्रा 2025 में इस बार आधुनिक तकनीकों का बेहतरीन इस्तेमाल देखने को मिल रहा है। भारी श्रद्धालु संख्या और तीव्र ट्रैफिक दबाव को देखते हुए चमोली पुलिस ने यातायात नियंत्रण के लिए ड्रोन तकनीक का सहारा लिया है।
ड्रोन से ट्रैफिक पर सख्त नजर
चमोली पुलिस अब गौचर और कर्णप्रयाग जैसे महत्वपूर्ण पड़ावों पर ड्रोन से ट्रैफिक की रियल-टाइम निगरानी कर रही है। इन इलाकों में बदरीनाथ और हेमकुंड साहिब की ओर जाने वाले श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है। ड्रोन फुटेज के जरिए पुलिस ट्रैफिक कंट्रोल रूम और मौके पर तैनात कर्मियों को पल-पल की स्थिति की जानकारी देती है, जिससे जाम की समस्या से समय रहते निपटा जा सके।
गौचर और कर्णप्रयाग बने ट्रैफिक हॉटस्पॉट
चारधाम यात्रा मार्ग पर स्थित गौचर और कर्णप्रयाग ट्रैफिक के लिहाज से अत्यंत संवेदनशील माने जा रहे हैं। यहां यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और खासकर बदरीनाथ एवं हेमकुंड साहिब जाने वाले श्रद्धालु बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं। इसके अलावा रानीखेत, अल्मोड़ा, बागेश्वर व थराली से आने वाले यात्रियों के कारण ट्रैफिक का दबाव और भी बढ़ गया है।
जाम से निपटने की प्रभावी रणनीति
ट्रैफिक जाम की स्थिति में ड्रोन निगरानी से तुरंत स्थिति का आकलन कर संबंधित क्षेत्र में तैनात पुलिस बल को दिशा-निर्देश भेजे जाते हैं। इससे यातायात व्यवस्था को तेजी से बहाल किया जा रहा है और यात्रियों को लंबा इंतजार नहीं करना पड़ रहा है।
चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या
11 जून 2025 तक चारधाम यात्रा में कुल 26.88 लाख श्रद्धालु पहुंच चुके हैं। अकेले बदरीनाथ धाम में 7,53,131 श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं, जबकि हेमकुंड साहिब में अब तक 88,834 श्रद्धालु पहुंचे हैं। यह संख्या यात्रा की लोकप्रियता और प्रभावी प्रबंधन को दर्शाती है।
निष्कर्ष
चारधाम यात्रा 2025 में चमोली पुलिस की तकनीकी पहल – ड्रोन निगरानी – यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने में एक बड़ी सफलता बनकर उभरी है। इससे न सिर्फ जाम से राहत मिल रही है बल्कि श्रद्धालुओं की यात्रा और भी सुरक्षित हो रही है।