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उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने अब तक के कार्यकाल में उत्तराखण्ड को आदर्श राज्य बनाने के लिए भ्रष्टाचार और घोटालों पर प्रहार करने के बाद अपनी सोच आवाम के सामने पेश कर दी थी कि वह उत्तराखण्ड को एक नया उत्तराखण्ड बनाने की दिशा में आगे बढते रहेंगे। मुख्यमंत्री ने राज्य में युवा पीढी और मातृशक्ति को स्वरोजगार से जोडने की दिशा में भी बडा कदम उठाया और राज्य के हर जिले में उन्होंने चप्पे-चप्पे पर मातृशक्ति को स्वरोजगार से जोडकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में वो काम किया जो आज तक कोई भी सरकार अपने कार्यकाल में मातृशक्ति को लेकर नहीं कर पाई थी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का हमेशा से ही मानना है कि पहाडों में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना उनकी पहली प्राथमिकता है जिसके चलते महिलायें स्वरोजगार को अपनाकर उस ऊंचाई पर पहुंच सके जहां पहुंचने के लिए मातृशक्ति ने कभी कल्पना भी नहीं की थी। मुख्यमंत्री ने अपने तीन साल के कार्यकाल में पहाड की महिलाओं का दर्द समझा और उन्होंने हर जिले में मातृशक्ति को स्थानीय उत्पाद में निपुण बनाने के लिए अपनी टीम को हमेशा अगली पक्ति में खडा किया जिससे आज आज राज्य के पहाडी इलाकों में मातृशक्ति ने स्थानीय उत्पादों को अपना व्यवसाय बनाया और उसी के चलते वह स्वरोजगार के क्षेत्र में उस तेजी के साथ आगे बढ़ती चली गई जहां उन्हें लाने के लिए शायद किसी भी पूर्व सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया था। आज राज्य की मातृशक्ति को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की कार्यशैली खूब रास आ रही है क्योंकि वह पहाडों की तरफ अपना पूरा ध्यान केन्द्रित किये हुये हैं जिससे कि पहाड की मातृशक्ति भी अपना रोजगार कायम करके अपने पैरों पर तेजी के साथ खडी हो सके। मुख्यमंत्री ने जबसे मातृशक्ति को स्वरोजगार के क्षेत्र में तेजी के साथ आत्मनिर्भर बनाने का जो सिलसिला शुरू किया है उससे आज राज्य की मातृशक्ति को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पर बडा विश्वास हो चला है कि वह पहाडों की दशा और दिशा को बेहतर बनाने के लिए बडे मंथन और चिंतन के साथ काम कर रहे हैं।