श्रद्धालुओं के लिए खुले बदरीनाथ धाम के कपाट, आस्था का उमड़ा सैलाब – चारधाम यात्रा 2025
बदरीनाथ, उत्तराखंड | 4 मई 2025:
भगवान बदरी विशाल के पावन धाम बदरीनाथ के कपाट आज प्रातः 6 बजे वैदिक मंत्रोच्चार और पूर्ण धार्मिक विधि-विधान के साथ श्रद्धालुओं के दर्शन हेतु खोल दिए गए। इसके साथ ही चारधाम यात्रा 2025 की सबसे महत्वपूर्ण कड़ी में से एक का शुभारंभ हुआ। यह दृश्य इतना पावन और भक्तिभाव से भरपूर था कि हजारों श्रद्धालु इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बन गर्व और भक्ति से अभिभूत हो उठे।
🌼 फूलों की वर्षा और भव्य श्रृंगार से सजा धाम
बदरीनाथ मंदिर को इस वर्ष खास तौर पर सजाया गया है। मंदिर परिसर को लगभग 15 क्विंटल रंग-बिरंगे पुष्पों से सजाकर स्वर्गिक दृश्य की अनुभूति कराई गई। मंदिर का सिंह द्वार, गर्भगृह, और पूरा मंदिर परिसर दिव्यता की आभा से चमक रहा था। श्रद्धालुओं पर हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा कर इस शुभ घड़ी को और भी भव्यता प्रदान की गई।
🕉️ पूजन और वैदिक विधियों से प्रारंभ हुआ दर्शन
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कपाट खुलने के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम से पहली महाभिषेक पूजा कर देश और प्रदेश की सुख-समृद्धि की कामना की। वैदिक ब्राह्मणों और तीर्थ पुरोहितों द्वारा मंत्रोच्चार के साथ भगवान बदरीविशाल की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना की गई।
संपूर्ण वातावरण ‘जय बदरी विशाल’ और ‘बदरीनाथ भगवान की जय’ के उद्घोष से गुंजायमान हो उठा। ढोल-नगाड़ों, शंखनाद, और आर्मी बैंड की धुनों ने माहौल को आध्यात्मिकता और राष्ट्रभाव से भर दिया।
👁️ गर्भगृह में प्रतिष्ठित हुए भगवान, उद्धव और कुबेर
सुबह के शुभ मुहूर्त में माता लक्ष्मी को गर्भगृह से निकालकर परिक्रमा कराई गई और फिर उन्हें लक्ष्मी मंदिर में स्थापित किया गया। इसके बाद भगवान कुबेर और उद्धव जी को गर्भगृह में विराजित किया गया। विशेष परंपरा के अनुसार, भगवान बदरीनाथ की चतुर्भुज मूर्ति को ‘घृत कंबल’ से अलग कर उनका विधिवत स्नान और श्रृंगार किया गया।
अब आगामी छह महीनों तक श्रद्धालु भगवान बदरी विशाल के साथ-साथ उद्धव, कुबेर, नारद, और नर-नारायण के दिव्य दर्शन कर सकेंगे।
🚩 सभी प्रमुख मंदिरों के कपाट भी खोले गए
बदरीनाथ मंदिर के साथ ही उसकी परिक्रमा में स्थित प्रमुख देवस्थल जैसे:
- गणेश मंदिर
- घंटाकर्ण मंदिर
- आदि केदारेश्वर मंदिर
- आदि गुरु शंकराचार्य समाधि स्थल
इन सभी के कपाट भी आम श्रद्धालुओं के लिए दर्शनार्थ खोल दिए गए हैं। यह समूचा क्षेत्र इन दिनों धार्मिक ऊर्जा और भक्तिभाव की पराकाष्ठा का केंद्र बन चुका है।
🌍 देशभर से उमड़े श्रद्धालु
देश के उत्तर से दक्षिण और पूर्व से पश्चिम तक के कोने-कोने से श्रद्धालु बदरीनाथ धाम पहुंचे। भक्तों के चेहरों पर उत्साह, श्रद्धा और आस्था साफ झलक रही थी। श्रद्धालु रातभर यात्रा करके सुबह के शुभ दर्शन का पुण्य प्राप्त करने के लिए पहुंचे थे।
धार्मिक मान्यता है कि गर्मियों के 6 महीनों में मनुष्य स्वयं भगवान विष्णु की पूजा करते हैं, जबकि सर्दियों के 6 महीनों में देवता बदरीनाथ धाम में आकर भगवान विष्णु की आराधना करते हैं। इस आराधना के प्रमुख होते हैं देवर्षि नारद।
🔮 भविष्य की तैयारियाँ और सुरक्षा प्रबंध
चारधाम यात्रा में लगातार बढ़ती भीड़ को देखते हुए उत्तराखंड प्रशासन ने सुरक्षा, चिकित्सा, आपदा प्रबंधन और यातायात नियंत्रण की विशेष व्यवस्थाएँ की हैं। हेलिकॉप्टर सेवा, ऑनलाइन पंजीकरण, और क्लाइमेट अलर्ट सिस्टम भी यात्रियों की सहायता हेतु सक्रिय हैं।