अंकिता भंडारी हत्याकांड: आजीवन कारावास के फैसले पर नेताओं की प्रतिक्रियाएं, कांग्रेस ने उठाए गंभीर सवाल
देहरादून | 14 मई 2025:
उत्तराखंड को झकझोर देने वाले अंकिता भंडारी हत्याकांड में आखिरकार तीन साल बाद कोर्ट ने तीनों आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। फैसले के बाद पूरे राज्य में मिली-जुली प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। जहां एक ओर सरकार और परिजन इसे न्याय की जीत बता रहे हैं, वहीं विपक्ष इस फैसले को अधूरा न्याय बताते हुए सरकार से कई गंभीर सवाल पूछ रहा है।
🏛️ मुख्यमंत्री धामी बोले—बेटी को मिला न्याय
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने फैसले पर संतोष जताते हुए कहा:
“उत्तराखंड की बेटी को न्याय मिला है। सरकार ने हर स्तर पर प्रयास कर दोषियों को सजा दिलाने का काम किया। हम पीड़ित परिवार के साथ पहले भी थे और आगे भी रहेंगे।”
🗣️ पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत: देर से सही, पर संतोषजनक
पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा,
“फैसला देर से आया, लेकिन यह संतोषजनक है। इससे न सिर्फ परिवार को न्याय मिला है, बल्कि आम जनता की कानून पर आस्था और मजबूत हुई है।”
🙏 हरीश रावत: यह फैसला ईश्वरीय न्याय है, लेकिन कई सवाल अब भी जिंदा हैं
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा:
“यह कोर्ट का नहीं, बल्कि ईश्वर का न्याय है। हालांकि, आज भी यह सवाल बना हुआ है कि वीवीआईपी कौन था, जिसे बचाने के लिए सरकार ने सबूत मिटाने की कोशिश की?”
उन्होंने आरोप लगाया कि:
- सरकार ने जल्दबाज़ी में बुलडोजर चलवाया
- सीसीटीवी फुटेज हटवाए
- आरोपियों को बचाने की कोशिश की गई
🌳 वन मंत्री सुबोध उनियाल: कुछ लोग कर रहे थे राजनीति
वन मंत्री सुबोध उनियाल ने फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा,
“सरकार ने पहले दिन से ही मामले को गंभीरता से लिया। कुछ लोगों ने इसे राजनीति का मुद्दा बनाया, लेकिन हमारी प्राथमिकता केवल न्याय दिलाना थी। आज कोर्ट ने अपना काम किया और पीड़ित परिवार को न्याय मिला।”
🏛️ विधायक प्रेमचंद अग्रवाल: यह फैसला सभी के लिए सबक है
ऋषिकेश के विधायक प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा:
“इस मामले ने पूरे उत्तराखंड को झकझोर दिया था। अब जब कोर्ट ने फैसला सुना दिया है, तो यह सभी के लिए एक संदेश है कि अपराध कितना भी छिपाया जाए, न्याय जरूर मिलेगा।”
⚖️ कांग्रेस का आरोप: यह अधूरा न्याय है, सरकार को देना होगा जवाब
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने फैसले को आंशिक न्याय बताया और कहा:
“न्यायालय ने दोषियों को सजा दी है, लेकिन यह पूरा न्याय नहीं है। कई बड़े सवाल अब भी सरकार के सिर पर हैं—
- वनंतारा रिज़ॉर्ट पर बुलडोजर चलाने का आदेश किसके कहने पर हुआ?
- वीवीआईपी व्यक्ति कौन था जिसे बचाने की कोशिश की गई?
- सबूत नष्ट करने और जांच में लापरवाही के लिए कौन जिम्मेदार है?”
उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस मामले को लेकर आगे भी आवाज उठाती रहेगी और परिवार को पूर्ण न्याय दिलाने के लिए संघर्ष जारी रहेगा।
📌 पृष्ठभूमि: क्या था अंकिता भंडारी हत्याकांड?
साल 2022 में ऋषिकेश के पास स्थित वनंतारा रिज़ॉर्ट में कार्यरत 19 वर्षीय अंकिता भंडारी की हत्या के बाद यह मामला राष्ट्रीय सुर्खियों में आया था। आरोप था कि उसे वीआईपी गेस्ट को “स्पेशल सर्विस” देने के लिए मजबूर किया जा रहा था, जिसके विरोध पर उसकी हत्या कर दी गई। तीनों मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था।