धनतेरस पर करें ये 5 उपाय, आर्थिक स्थिति में होगा सुधार, मां लक्ष्मी की बरसेगी कृपा
नई दिल्ली: दिवाली की शुरुआत का प्रतीक धनतेरस इस वर्ष शनिवार, 18 अक्टूबर 2025 को मनाया जाएगा।
कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को आने वाला यह दिन धन की देवी मां लक्ष्मी और धन के देवता कुबेर की पूजा के लिए विशेष माना जाता है।
ऐसा विश्वास है कि इस दिन कुछ शुभ उपाय करने से सालभर घर में समृद्धि, धन और सौभाग्य बना रहता है।
यदि आप भी इस धनतेरस पर मां लक्ष्मी और भगवान कुबेर की कृपा पाना चाहते हैं, तो अपनाएं ये 5 खास उपाय 👇
🌟 1. शाम को जलाएं 13 दीपक
धनतेरस की संध्या के समय घर के आंगन, मंदिर और मुख्य द्वार पर 13 दीपक जलाना बेहद शुभ माना जाता है।
कहा जाता है कि इससे धन, स्वास्थ्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है और मां लक्ष्मी आपके घर में स्थायी रूप से विराजमान होती हैं।
🪙 2. कुबेर पूजा और मंत्र जाप करें
दीपक जलाने के बाद कुबेर देव और घर की तिजोरी (धन स्थान) की विधि-विधान से पूजा करें।
धूप, दीप, चंदन, फूल और प्रसाद अर्पित करें और ये मंत्र अवश्य जपें –
“ॐ यक्षाय कुबेर वैश्रवणाय धनधान्यधिपतये धनधान्यसमृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा।”
“ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं कुबेर अष्ट-लक्ष्मी मम घरे धनं पुरय पुरय नमः।”
इन मंत्रों का अर्थ है — हे कुबेर देव! आप मुझे धन, धान्य और समृद्धि का आशीर्वाद दें।
🕉️ 3. मुख्य द्वार पर बनाएं ‘ॐ’ का चिन्ह
हल्दी और चावल के मिश्रण से अपने घर के मुख्य द्वार पर ‘ॐ’ का प्रतीक बनाएं।
यह शुभ चिन्ह मां लक्ष्मी के आगमन का संकेत होता है और घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।
🐚 4. शंख से जल का छिड़काव करें
धनतेरस की शाम को शुद्ध जल से भरे शंख को दाहिने हाथ में लेकर घर के सभी कोनों में जल का छिड़काव करें।
यह उपाय नकारात्मक ऊर्जा को दूर करके समृद्धि और सौभाग्य को आकर्षित करता है।
🌸 5. घर में रखें देवी लक्ष्मी की शुभ तस्वीर
धनतेरस के दिन कमल पर विराजमान मां लक्ष्मी की ऐसी तस्वीर घर में लाएं, जिसके दोनों ओर सूंड़ उठाए हाथी हों।
पूजा के बाद इस तस्वीर को तिजोरी या उत्तर दिशा में स्थापित करें।
ऐसी तस्वीर घर में सुख-शांति, धन और वैभव बढ़ाने का प्रतीक मानी जाती है।
💫 इन उपायों से मिलेगा शुभ फल
वास्तु और ज्योतिष विशेषज्ञों के अनुसार, इन उपायों को श्रद्धा और विधि से करने पर व्यक्ति की आर्थिक स्थिति में सुधार होता है।
घर में सुख-शांति, धन-संपत्ति और सौभाग्य का स्थायी वास बनता है।