बुंदेलखंड की बेटी आयुषी अग्रवाल ने रचा इतिहास, जापान में इंटरनेशनल पावरलिफ्टिंग में देश के लिए जीता कांस्य पदक
कड़ी मेहनत, समर्पण और जज़्बा हो तो किसी मंज़िल को हासिल करना असंभव नहीं होता। ऐसा ही कर दिखाया है बुंदेलखंड की बेटी आयुषी अग्रवाल ने, जिन्होंने जापान के हिमेजी शहर में आयोजित एशिया-अफ्रीका-पैसिफिक इंटरनेशनल पावरलिफ्टिंग चैंपियनशिप में भारत के लिए कांस्य पदक जीतकर इतिहास रच दिया।
यह आयुषी का पहला अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट था, जहां उन्होंने 425 किलोग्राम वजन उठाकर पदक अपने नाम किया और ना सिर्फ मध्य प्रदेश बल्कि पूरे देश को गर्व महसूस कराया।

🏋️♀️ आंकड़ों में आयुषी की उपलब्धि
- स्क्वाट: 167.5 किलोग्राम
- बेंच प्रेस: 90 किलोग्राम
- डेडलिफ्ट: 167.5 किलोग्राम
- कुल वजन: 425 किलोग्राम
- पिछला व्यक्तिगत रिकॉर्ड: 417 किलोग्राम
यह प्रदर्शन उनके पहले अंतरराष्ट्रीय मुकाबले में ही नए राष्ट्रीय रिकॉर्ड जैसा साबित हुआ।
💬 “जिम गई थी पुलिस की तैयारी करने, बन गई पावरलिफ्टर”
आयुषी बताती हैं,
“मैंने कभी सोचा नहीं था कि मैं पावरलिफ्टर बनूंगी। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए जिम जॉइन किया था, लेकिन यहीं से पावरलिफ्टिंग में दिलचस्पी बढ़ी।”
उनकी प्रेरणा बने कोच शैलेन्द्र एडविन, जो स्वयं राष्ट्रीय स्तर के पदक विजेता रह चुके हैं। आयुषी कहती हैं,
“मेरी सफलता का पूरा श्रेय मेरे कोच को जाता है। तीन साल की लगातार मेहनत और उनके मार्गदर्शन से मैंने यह मुकाम हासिल किया।”
🌏 जापान से वर्ल्ड चैंपियनशिप का सपना
जापान में मिले अनुभव को आयुषी अमूल्य सीख बताती हैं। उन्होंने कहा:
“यह मेरे लिए बड़ा अनुभव था। अलग-अलग देशों के अनुभवी खिलाड़ियों से बारीकियां सीखीं। अब मेरा अगला लक्ष्य है कॉमनवेल्थ और वर्ल्ड चैंपियनशिप में देश को गोल्ड मेडल दिलाना।”
🌟 बुंदेलखंड की पहली बेटी जिसने इंटरनेशनल पावरलिफ्टिंग में पदक जीता
सागर के सराफा व्यापारी अशोक अग्रवाल की बेटी आयुषी न सिर्फ अपने परिवार का बल्कि पूरे बुंदेलखंड और राज्य का नाम रोशन कर रही हैं। यह पहली बार है जब इस क्षेत्र की किसी लड़की ने अंतरराष्ट्रीय पावरलिफ्टिंग टूर्नामेंट में भारत के लिए पदक जीता है।
🏆 पहले भी राष्ट्रीय स्तर पर जीत चुकी हैं कई मेडल
आयुषी इससे पहले राष्ट्रीय स्तर की कई प्रतियोगिताओं में पदक जीत चुकी हैं, लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह उनकी पहली छलांग थी — और उसमें भी कामयाबी ने उनका साथ दिया।