हिसार की सोनी बनी मिसाल: चुटकियों में करती हैं रोडवेज़ बसों की रिपेयरिंग, लोग कर रहे सलाम
HISAR FEMALE MECHANIC SONI BREAKING GENDER STEREOTYPES
हिसार (हरियाणा) – “म्हारी छोरियां छोरों से कम हैं के?” – यह मशहूर डायलॉग अब महज़ फिल्मी नहीं रहा। हिसार की राजली गांव की रहने वाली सोनी इस बात की जीती-जागती मिसाल हैं। सोनी हरियाणा रोडवेज़ के हिसार डिपो में बसों की भारी-भरकम मरम्मत का काम बड़ी ही सहजता और दक्षता से करती हैं। उन्हें काम करते देख हर कोई उनकी हिम्मत और हुनर को सलाम करता है।

रोजाना करती हैं रोडवेज़ बसों की मरम्मत
सोनी, एक मैकेनिक हेल्पर के रूप में, हर दिन रोडवेज़ की कम से कम दो बसों को दुरुस्त करती हैं। टायर निकालना, मरम्मत करना, और अलाइनमेंट के साथ फिट करना, ये सभी काम वे खुद करती हैं। शुरुआत में यह काम उनके लिए चुनौतीपूर्ण था, लेकिन आज वह इसे पूरी कुशलता और आत्मविश्वास से करती हैं।
खेल से लेकर कार्यशाला तक
सोनी एक समय राष्ट्रीय स्तर की कबड्डी खिलाड़ी और मार्शल आर्ट्स चैंपियन थीं। उन्होंने कई राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय मेडल भी जीते। उनके पिता चाहते थे कि बेटी देश का नाम रोशन करे — और सोनी ने अपने काम से यह सपना साकार किया।
पिता की मौत के बाद बढ़ी जिम्मेदारी
2019 में पिता के निधन के बाद परिवार की जिम्मेदारी सोनी पर आ गई। स्पोर्ट्स कोटे से उनका चयन ग्रुप डी पद में हुआ और 31 जनवरी 2019 से उन्होंने मैकेनिक हेल्पर के रूप में कार्यभार संभाला। आज उनकी आय से ही पूरा घर चलता है।

“मेरा काम ही मेरा फैशन है”
जब उनसे सोशल मीडिया और फैशन के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने बेझिझक कहा – “मेरा काम ही मेरा फैशन है।” जहां आज की युवा पीढ़ी हाथ गंदे करने से कतराती है, वहीं सोनी बिना किसी हिचक के बसों की मरम्मत कर रहीं हैं।

डिपो के अधिकारी भी हुए प्रभावित
हिसार डिपो के हेड मिस्त्री अजीत सिंह का कहना है कि सोनी अत्यंत कुशलता से काम करती हैं। वे रोजाना बिना किसी परेशानी के दो बसें ठीक कर देती हैं और कभी भी उन्हें अलग से निगरानी की ज़रूरत नहीं पड़ी। उनके अनुसार, हरियाणा की बेटियों को सोनी से प्रेरणा लेनी चाहिए।