नैनीताल की महिलाओं की नई पहल: मंडुए और सूजी से बने हेल्दी नूडल्स और मैकरोनी बाजार में उपलब्ध
स्वस्थ खानपान की दिशा में नैनीताल जिले की महिलाओं ने एक सराहनीय पहल की है। कोमल सहायता समूह की तीन महिला उद्यमियों ने मंडुए और सूजी से तैयार किए गए नूडल्स और मैकरोनी को बाजार में उतारा है। इन उत्पादों को न केवल पोषक तत्वों से भरपूर बताया जा रहा है, बल्कि इनका स्वाद भी लोगों को खूब भा रहा है।
मैदे की जगह मंडुआ, स्वाद भी और सेहत भी
बाजार में आमतौर पर मिलने वाले मैदे से बने नूडल्स और मैकरोनी से इतर, मंडुआ (रागी) और सूजी से बने ये उत्पाद सेहत के लिए लाभकारी हैं। महिलाओं का कहना है कि मैदे से बने उत्पाद लंबे समय तक सेवन करने पर सेहत को नुकसान पहुंचा सकते हैं, जबकि मंडुआ पोषण से भरपूर होता है और पारंपरिक पहाड़ी अन्नों को बढ़ावा भी देता है।
फूड ट्रेनिंग से लेकर अपना कारोबार तक
हल्दूचौड़ के जग्गीबंगर क्षेत्र की महिलाओं — हिमानी पलाड़िया, ममता पलाड़िया और उनकी एक साथी — ने पांच महीने की फूड प्रोडक्ट ट्रेनिंग के बाद यह काम शुरू किया। वे पहले एक फूड कंपनी में पार्ट-टाइम काम करती थीं और वहीं से प्रेरणा लेकर अपना कारोबार शुरू किया। धीरे-धीरे इनका उत्पाद बाजार में लोकप्रिय हो रहा है।
मेले से लेकर ऑनलाइन तक पहुंचा कारोबार
समूह की महिलाएं अपने उत्पादों की बिक्री के लिए स्थानीय मेलों और उत्सवों में स्टॉल लगाती हैं। हाल ही में उन्होंने हल्द्वानी में आयोजित हरेला मेले में भी हिस्सा लिया, जहां उनके उत्पादों को काफी सराहना मिली। अब वे ऑनलाइन माध्यमों से भी ऑर्डर ले रही हैं, ताकि अधिक से अधिक लोगों तक अपने प्रोडक्ट पहुंचा सकें।
उत्पाद व मूल्य सूची:
- मंडुआ नूडल्स – ₹120 प्रति किलो
- मंडुआ मैकरोनी – ₹80 प्रति किलो
- पहाड़ी धान से बना पोहा/चूड़ा – ₹80 प्रति किलो
भविष्य की योजना: तकनीकी अपग्रेड और विस्तार
समूह की महिलाएं आने वाले समय में अपने कारोबार को और विस्तार देने की योजना बना रही हैं। वे उच्च गुणवत्ता की मशीनें लगाने और नई तकनीक अपनाकर उत्पादन बढ़ाने की तैयारी में हैं।
निष्कर्ष:
उत्तराखंड की पारंपरिक फसलों को नवाचार और उद्यमशीलता से जोड़ते हुए, नैनीताल की महिलाएं न केवल स्वरोजगार की मिसाल पेश कर रही हैं, बल्कि लोगों के लिए हेल्दी विकल्प भी प्रदान कर रही हैं।