विश्व प्रसिद्ध नंदा देवी राजजात यात्रा 2026 की तैयारी शुरू, लोक कलाकारों को भी जोड़ा जाएगा
Nanda Devi Rajjat Yatra 2026 | Uttarakhand Cultural Heritage | CM Dhami News | लोक कलाकार होंगे शामिल
🕉️ उत्तराखंड के ‘महाकुंभ’ की तैयारियां शुरू
उत्तराखंड की विश्व प्रसिद्ध नंदा देवी राजजात यात्रा की तैयारियों को लेकर सरकार ने कमर कस ली है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में चौथी उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की, जिसमें यात्रा की रूपरेखा और आवश्यक व्यवस्थाओं को लेकर निर्देश जारी किए गए।
📅 दिसंबर 2025 तक पूरी होंगी सभी तैयारियां
सीएम धामी ने स्पष्ट कहा कि 2025 के अंत तक यात्रा से जुड़ी सभी अवस्थापनात्मक सुविधाएं पूरी हो जानी चाहिए।
उन्होंने अफसरों को निर्देश दिए कि—
- यात्रा मार्गों की समय पर मरम्मत हो
- सुरक्षा रेलिंग लगाई जाए
- हर प्रमुख पड़ाव पर प्राथमिक चिकित्सा केंद्र, एम्बुलेंस और टेलीमेडिसिन सेवाएं उपलब्ध रहें
- यात्रा मार्ग पर सभी विभाग आपसी समन्वय से कार्य करें
🎭 लोक कलाकारों और संस्कृति को मिलेगा मंच
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थानीय लोक कलाकारों, ग्राम पंचायतों और स्वयंसेवी संस्थाओं को यात्रा से जोड़ा जाएगा।
- पारंपरिक वाद्य यंत्र
- स्थानीय नृत्य और गायन
- सांस्कृतिक मंचन
इन सब को बढ़ावा दिया जाएगा, ताकि श्रद्धालु सांस्कृतिक समृद्धि का भी आनंद ले सकें।
🛕 नंदा देवी राजजात: एक दिव्य यात्रा
सीएम धामी ने इसे उत्तराखंड का ‘महाकुंभ जैसा उत्सव’ बताते हुए कहा कि यह न केवल धार्मिक आस्था बल्कि सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक भी है।
उन्होंने कहा—
“हम यात्रा को भव्य, ऐतिहासिक और श्रद्धालुओं के लिए पूरी तरह सुरक्षित व व्यवस्थित बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं।”
🔍 राजजात और लोकजात में अंतर क्या है?
- नंदा देवी लोकजात यात्रा: हर साल स्थानीय स्तर पर आयोजित होती है
- नंदा देवी राजजात यात्रा: हर 12 साल में एक बार होती है और चौंसिंगा खाडू (चार सींग वाला भेड़) इसका प्रमुख प्रतीक होता है
- यह यात्रा कुरुड़ गांव से शुरू होती है, जिसे मां नंदा का मायका माना जाता है
🤝 जनप्रतिनिधियों और समाज के सुझावों पर भी हो रहा काम
बैठक में सीएम ने यह भी बताया कि जनप्रतिनिधियों, स्टेकहोल्डर्स और ग्रामीणों से राय ली गई है। जो सुझाव आए हैं, उन पर कार्य जल्द शुरू किया जाएगा।