भारत-चीन सीमा पर स्थित गुंजी गांव को मिला नया नेतृत्व, रिटायर्ड IPS विमला गुंज्याल निर्विरोध बनीं ग्राम प्रधान📍 VIMALA GUNJYAL BECOMES VILLAGE HEAD OF GUNJI
भारत-चीन सीमा पर स्थित रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण गुंजी गांव में विकास की नई इबारत लिखी जाने जा रही है। सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी विमला गुंज्याल को गुंजी गांव की निर्विरोध ग्राम प्रधान चुना गया है। लंबे प्रशासनिक अनुभव और देश सेवा की पृष्ठभूमि के साथ अब वह इस सीमावर्ती गांव के विकास की कमान संभालेंगी।

✅ ग्रामीणों की एकता से हुआ ऐतिहासिक निर्णय
गुंजी गांव, जो कि उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले की व्यास घाटी में स्थित है, वहां चार अन्य प्रत्याशियों ने नामांकन पत्र खरीदा था। लेकिन ग्रामीणों की आपसी सहमति और योग्य नेतृत्व की मांग के चलते अन्य सभी ने नामांकन दाखिल नहीं किया। परिणामस्वरूप, विमला गुंज्याल एकमात्र प्रत्याशी के रूप में निर्विरोध ग्राम प्रधान चुनी गईं।
उनके धारचूला पहुंचने पर ग्रामीणों ने भव्य स्वागत किया और इस अवसर को गांव के लिए ऐतिहासिक दिन बताया। ग्रामीणों ने कहा कि एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी का गांव के नेतृत्व में आना, गांव के लिए सुनहरे भविष्य की उम्मीद है।
🛡️ देश सेवा से गांव सेवा तक
विमला गुंज्याल सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी और पूर्व आईजी रही हैं। उन्होंने देश की सुरक्षा और कानून व्यवस्था को सशक्त बनाने में योगदान दिया। अब वह अपने अनुभव का उपयोग सीमावर्ती गांव गुंजी के सर्वांगीण विकास में करेंगी।
गांववासियों का कहना है कि उनके नेतृत्व में गांव को योजनाओं का सीधा लाभ मिलेगा और शासन-प्रशासन से बेहतर समन्वय स्थापित होगा।

🏔️ गुंजी की रणनीतिक और सांस्कृतिक महत्ता
गुंजी गांव न सिर्फ प्राकृतिक सौंदर्य और शांति के लिए जाना जाता है, बल्कि इसका सामरिक महत्व भी अत्यधिक है। यह गांव भारत-चीन और भारत-नेपाल सीमा के समीप स्थित है और करीब 3500 मीटर की ऊंचाई पर बसा हुआ है।
गांव में मुख्य रूप से भोटिया समुदाय के लोग रहते हैं, जो अपनी विशिष्ट संस्कृति और परंपराओं के लिए प्रसिद्ध हैं। यह गांव आदि कैलाश, ओम पर्वत और कैलाश मानसरोवर यात्रा का अहम पड़ाव भी है, जिससे इसकी राष्ट्रीय पहचान पहले से ही स्थापित है।
🇮🇳 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कर चुके हैं भ्रमण
12 अक्टूबर 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुंजी गांव का दौरा किया था। उनके आगमन ने इस क्षेत्र की प्रसिद्धि और सामरिक महत्ता को और बढ़ा दिया। साथ ही इसने पूरे देश का ध्यान इस गांव की ओर आकर्षित किया।
🛂 सुरक्षा और परमिट व्यवस्था
गुंजी गांव एक इनर लाइन जोन में आता है, जहां जाने के लिए विशेष इनर लाइन परमिट की आवश्यकता होती है। यह क्षेत्र भारतीय सेना और आईटीबीपी की निगरानी में रहता है।
📌 निष्कर्ष
गुंजी गांव के निवासियों ने जो सामूहिक निर्णय लिया है, वह आने वाले समय में एक नजीर बन सकता है। विमला गुंज्याल जैसी अनुभवी और निष्ठावान अधिकारी के नेतृत्व में अब इस सीमावर्ती गांव को न केवल सुरक्षा बल्कि विकास की नई ऊंचाइयों तक पहुंचने की उम्मीद है।