उत्तराखंड में ‘ब्रेक’ वाला मानसून: साहसिक पर्यटन पर असर, राफ्टिंग से लेकर सफारी तक सबकुछ ठप📍 MONSOON EFFECT ON UTTARAKHAND TOURISM 2025
उत्तराखंड में मानसून की दस्तक ने एक बार फिर साहसिक पर्यटन और वन्यजीव सफारी जैसी कई गतिविधियों पर ब्रेक लगा दिया है। जून-जुलाई से सितंबर तक का मौसम जब पहाड़ों पर बारिश अपने चरम पर होती है, तब यहां की नदियां मटमैली, उफनती और बेहद खतरनाक हो जाती हैं। नतीजतन, राफ्टिंग, जंगल सफारी, ट्रेकिंग और कई नेशनल पार्क पूरी तरह से बंद कर दिए जाते हैं।
🌧️ मानसून में रोमांच पर विराम
मानसून के दौरान उत्तराखंड में
- नदियों में पानी का बहाव खतरनाक स्तर पर पहुंच जाता है
- जगह-जगह लैंडस्लाइड की घटनाएं बढ़ जाती हैं
- राष्ट्रीय उद्यानों के गेट बंद हो जाते हैं
- सड़कों पर कीचड़ और मलबा ट्रैवलिंग में बाधा डालता है
इससे पर्यटकों की आमद में भारी गिरावट दर्ज की जाती है। हालांकि, इस मौसम में उत्तराखंड की हरियाली और प्राकृतिक सुंदरता अपनी चरम पर होती है, मगर उसका दीदार करने वाले पर्यटक नहीं पहुंच पाते।
🚫 राफ्टिंग पर प्रतिबंध, सुरक्षा बनी प्राथमिकता
ऋषिकेश और चंपावत में मानसून के चलते राफ्टिंग पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है।
गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने और तेज बहाव के कारण मुनिकी रेती कौड़ियाला इको टूरिज्म क्षेत्र की राफ्टिंग गतिविधियां बंद कर दी गई हैं। टिहरी एसपी जे.आर. जोशी ने बताया:
“पर्यटकों की सुरक्षा को देखते हुए राफ्टिंग पर रोक लगाई गई है। पानी का बहाव काफी तेज है, और किसी भी अनहोनी से इनकार नहीं किया जा सकता।”
📌 अब राफ्टिंग 15 सितंबर से फिर शुरू होगी।
📊 सीजन 2024-25 में अब तक 2,64,380 पर्यटक राफ्टिंग का अनुभव ले चुके हैं।
🐘 कॉर्बेट समेत कई पार्क हुए बंद
मानसून के साथ ही उत्तराखंड के प्रमुख नेशनल पार्कों –
- कॉर्बेट नेशनल पार्क (ढिकाला, बिजरानी, झिरना, ढेला, गर्जिया)
- राजाजी नेशनल पार्क
- गंगोत्री, मोतीचूर, शिवालिक आदि
को 15 अक्टूबर तक बंद कर दिया गया है।
बारिश के कारण जंगलों में आई बाढ़ और टूटी हुई सड़कों के चलते सफारी कराना जोखिम भरा हो जाता है।
📌 कॉर्बेट में अब तक 1 लाख से ज्यादा पर्यटक पहुंचे थे।
🏕️ विकल्प अभी भी खुले हैं
मानसून में अगर आप उत्तराखंड आना चाहते हैं, तो यहां के ये शांत और सुरक्षित डेस्टिनेशन विकल्प हो सकते हैं:
- लैंसडाउन: हरियाली से घिरा, भूस्खलन का कम खतरा
- ऋषिकेश: योग, आध्यात्म और घाटों का शांति से आनंद
- चकराता: शांत हिल स्टेशन, मॉडरेट बारिश
इन क्षेत्रों में प्राकृतिक सुंदरता के साथ-साथ भीड़-भाड़ से दूर एक अलग अनुभव मिलता है।
📌 निष्कर्ष
मानसून भले ही उत्तराखंड के एडवेंचर और सफारी पर्यटन को कुछ समय के लिए रोक देता है, लेकिन यह मौसम पर्वतीय सौंदर्य और हरियाली को सबसे खूबसूरत रूप में प्रस्तुत करता है। ऐसे में सुरक्षित और वैकल्पिक डेस्टिनेशन चुनकर भी आप अपनी उत्तराखंड यात्रा को यादगार बना सकते हैं।