‘युद्ध शुरू करना आसान, लेकिन नियंत्रित करना बेहद कठिन’: उप सेना प्रमुख राहुल आर. सिंह का बड़ा बयान– OPERATION SINDOOR | INDIA PAKISTAN TENSION
नई दिल्ली में आयोजित फिक्की (FICCI) के कार्यक्रम ‘New Age Military Technologies’ में भारतीय सेना के उप प्रमुख (क्षमता विकास एवं संधारण) लेफ्टिनेंट जनरल राहुल आर. सिंह ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और भविष्य की सैन्य रणनीतियों को लेकर अहम बातें साझा कीं। उन्होंने कहा कि युद्ध शुरू करना आसान है, लेकिन उसे नियंत्रित करना और परिणामों को संभालना बेहद चुनौतीपूर्ण होता है।

🔹 ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से मिले अहम सबक
उप सेना प्रमुख ने कहा कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले, जिसमें 26 नागरिकों की मौत हुई, के बाद भारत की तरफ से की गई सैन्य प्रतिक्रिया ‘ऑपरेशन सिंदूर’ एक डाटा-आधारित रणनीतिक ऑपरेशन था।
उन्होंने बताया कि यह ऑपरेशन तकनीक, मानव खुफिया और सटीक डेटा एनालिसिस पर आधारित था। इससे यह संदेश देना जरूरी था कि भारत ऐसे हमलों का माकूल जवाब देने में सक्षम है।
🔹 21 टारगेट चिन्हित, 9 पर हुई कार्रवाई
लेफ्टिनेंट जनरल सिंह के मुताबिक, भारत ने पाकिस्तान और पीओके (पाक अधिकृत कश्मीर) में 21 संभावित आतंकी ठिकानों की पहचान की थी। इनमें से 9 प्रमुख टारगेट को नष्ट करने का निर्णय अंतिम समय में लिया गया। उन्होंने कहा,
“तीनों सेनाओं ने मिलकर इस अभियान को अंजाम दिया, जिससे दुनिया को ये स्पष्ट संदेश गया कि भारतीय सैन्य बल एकजुट होकर कार्रवाई करते हैं।”
🔹 ऑपरेशन सिंदूर: पाकिस्तान को मिली करारी जवाबी चोट
6-7 मई 2025 की रात से शुरू हुए इस अभियान में भारत ने पाकिस्तान और पीओके में लक्षित सैन्य और आतंकी ठिकानों पर हमले किए। करीब तीन से चार दिन तक चले ऑपरेशन के बाद पाकिस्तान ने जवाबी कार्रवाई की कोशिश की, लेकिन भारतीय वायुसेना और थलसेना ने उसे पूरी तरह नाकाम कर दिया।
🔹 भारी नुकसान में रहा पाकिस्तान
पाकिस्तानी जवाबी हमले 8 से 10 मई के बीच हुए, लेकिन भारतीय बलों की रणनीतिक तैयारियों के सामने वे नाकाम रहे। रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तानी एयरबेस, रडार और कंट्रोल सेंटर्स को भारी नुकसान हुआ।
🔹 10 मई को सीजफायर पर बनी सहमति
10 मई 2025 को भारत और पाकिस्तान के बीच भूमि, वायु और समुद्र – तीनों मोर्चों पर सैन्य कार्रवाई को रोकने का फैसला हुआ, जिससे हालात पर नियंत्रण पाया गया।
📌 उप सेना प्रमुख का संदेश:
उप सेना प्रमुख राहुल आर. सिंह ने जोर देकर कहा कि:
“युद्ध केवल जवाब देने के लिए नहीं, बल्कि संतुलन बनाने के लिए भी होता है। ऑपरेशन सिंदूर से हमें यह सिखने को मिला कि जब एकजुटता और सटीक तकनीक का प्रयोग होता है, तो दुश्मन को कड़ा संदेश दिया जा सकता है।”
निष्कर्ष:
भारत की सैन्य रणनीति अब केवल परंपरागत हथियारों तक सीमित नहीं रही। डेटा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और एकीकृत सैन्य प्रयासों के सहारे, भारत भविष्य के युद्धों के लिए खुद को तैयार कर रहा है।