केदारनाथ हेलीकॉप्टर क्रैश मामला: आर्यन कंपनी के मैनेजर और प्रबंधक की अग्रिम जमानत याचिका खारिज, कोर्ट ने माना लापरवाही
केदारनाथ हेलीक्रैश मामले में बड़ी कानूनी कार्यवाही हुई है। आर्यन एविएशन हेली कंपनी के प्रबंधक विकास तोमर और अकाउंटेबल मैनेजर कौशिक पाठक की अग्रिम जमानत याचिका को जिला एवं सत्र न्यायालय ने खारिज कर दिया है। न्यायालय ने माना कि दोनों ने जानबूझकर लापरवाही की, जिससे दुर्घटना में सात लोगों की मौत हुई।15 जून 2025 को केदारनाथ से गौरीकुंड लौटते समय आर्यन कंपनी का एक हेलीकॉप्टर खर्क की पहाड़ी से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस हादसे में पायलट सहित 7 लोगों की जान चली गई थी।
पुलिस ने सोनप्रयाग कोतवाली में दोनों अधिकारियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 105 और विमान अधिनियम 1934 की धारा 10 के तहत मामला दर्ज किया था।
कोर्ट का तर्क: “जानबूझकर की गई लापरवाही”
जिला एवं सत्र न्यायाधीश सहदेव सिंह की अदालत ने कहा कि:
- रिकॉर्ड के अनुसार, हेलीकॉप्टर को आवंटित स्लॉट समय (6 से 7 बजे सुबह) से पहले उड़ान भरने की अनुमति दी गई।
- यह नियमों का उल्लंघन था, और प्रतीत होता है कि लाभ प्राप्त करने के लिए जानबूझकर किया गया कृत्य था।
- मौसम खराब होने के बावजूद कंपनी ने खतरनाक निर्णय लिया, जिससे दुर्घटना हुई।
- यह मामला निश्चित रूप से गंभीर जांच का विषय है, इसलिए अग्रिम जमानत नहीं दी जा सकती।
वकीलों का तर्क और कोर्ट की प्रतिक्रिया
आरोपियों के वकील ने तर्क दिया कि:
- विमान अधिनियम 1934 के तहत ऐसे मामलों की जांच का अधिकार केंद्र सरकार के पास होता है।
- स्थानीय पुलिस को अधिकार नहीं है कि वह एफआईआर दर्ज करे या मामले की जांच करे।
लेकिन कोर्ट ने यह तर्क खारिज करते हुए कहा:
“वर्तमान में दर्ज अपराध का स्वरूप सामान्य आपराधिक कृत्य जैसा प्रतीत होता है, जिस पर स्थानीय पुलिस को जांच का अधिकार है। विमान अधिनियम की प्रक्रिया बाद में चल सकती है, लेकिन लापरवाही से हुई मौत का मामला आपराधिक श्रेणी में आता है।”
✅ अब आगे क्या?
आर्यन एविएशन कंपनी की भूमिका अब जांच एजेंसियों की गहन जांच के दायरे में है।
- यूकाडा (UCADA) की ओर से हेलीकॉप्टर संचालन के लिए समय स्लॉट पहले ही तय किया गया था।
- उस स्लॉट से पहले उड़ान भरना न केवल सुरक्षा नियमों का उल्लंघन है, बल्कि जान जोखिम में डालने जैसा गंभीर अपराध माना गया है।
- जमानत याचिका खारिज होने से यह मामला अब केंद्रीय जांच एजेंसियों या DGCA के संज्ञान में जा सकता है।
📌 मुख्य बिंदु संक्षेप में:
- 📍 घटना तिथि: 15 जून 2025
- 📍 मृतक: पायलट सहित 7 लोग
- 📍 आरोपी: विकास तोमर (प्रबंधक), कौशिक पाठक (अकाउंटेबल मैनेजर)
- 📍 धाराएं: IPC धारा 105, विमान अधिनियम 1934 की धारा 10
- 📍 कोर्ट का निर्णय: अग्रिम जमानत याचिका खारिज
- 📍 आरोप: गलत लाभ के लिए नियमों की अनदेखी, जानबूझकर