उत्तराखंड में भारी बारिश का कहर: भूस्खलन से 2 मजदूरों की मौत, चारधाम यात्रा 24 घंटे के लिए रोकी गई
उत्तराखंड के कई इलाकों में शनिवार शाम से रविवार तक हुई मूसलाधार बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। बारिश के कारण कई स्थानों पर मलबा आने से 150 से अधिक सड़कें बंद हो गई हैं, जबकि नदियों का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। इस बीच, उत्तरकाशी जिले के यमुनोत्री हाईवे पर सिलाई बैंड के पास भारी भूस्खलन की चपेट में आए 29 मजदूरों में से दो की मौत हो गई और सात अभी भी लापता हैं।
उत्तरकाशी की एडीएम मुक्ता मिश्र ने बताया कि सिलाई बैंड पर एक निजी निर्माण कार्य चल रहा था, जहां मजदूर अस्थायी टेंट में रह रहे थे। देर रात हुए भूस्खलन में ये टेंट मलबे में दब गए। राहत-बचाव कार्य में जुटी टीमों ने कई मजदूरों को सुरक्षित निकाल लिया है, लेकिन सात मजदूरों की खोजबीन अभी जारी है।
चारधाम यात्रा पर अस्थायी रोक
उत्तराखंड सरकार ने चारधाम यात्रा को रविवार सुबह से 24 घंटे के लिए स्थगित कर दिया है। खराब मौसम के चलते यात्रा मार्गों पर खतरा बढ़ गया है, जिस कारण यात्रियों को विभिन्न स्थानों पर सुरक्षा की दृष्टि से रोका गया है। चमोली जिले में सबसे ज्यादा 55 सड़कें बाधित हुई हैं और लोक निर्माण विभाग की टीमें मार्गों को खोलने में लगी हैं।
चारधाम रूट पर कई मार्ग अवरुद्ध
यमुनोत्री हाईवे पर सिलाई बैंड के अलावा कई स्थानों पर सड़कें मलबे और भू-स्खलन के कारण क्षतिग्रस्त हैं। बदरीनाथ हाईवे पर सिरोबगड़, कमेड़ा और उमटा में सड़कें टूट गई हैं, जबकि केदारनाथ मार्ग पर मुनकिटया सहित कई हिस्सों में यातायात ठप रहा।
कुमाऊं में आदि कैलास मार्ग पर चट्टान गिरने से यात्री फंसे
कुमाऊं मंडल में भी मौसम का असर देखने को मिला। धारचूला के तवाघाट में आदि कैलास मार्ग पर चट्टान गिरने से श्रद्धालु और स्थानीय लोग फंस गए। वहीं, पिथौरागढ़ में 13 और बागेश्वर में 24 सड़कों पर आवागमन बंद हो गया है। हल्द्वानी में शेरनाला के उफान पर आने से हल्द्वानी-सितारगंज हाईवे करीब साढ़े छह घंटे बाधित रहा। गौला नदी का जलस्तर बढ़ने से सुरक्षा के लिए बनाए गए ब्लॉक्स भी बह गए हैं।