उत्तराखंड पंचायत चुनाव पर हाईकोर्ट की रोक बरकरार, आरक्षण रोस्टर विवाद पर सुनवाई कल भी जारी रहेगी
नैनीताल।
उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर जारी कानूनी विवाद के बीच उत्तराखंड हाईकोर्ट ने एक बार फिर चुनाव प्रक्रिया पर अंतरिम रोक को बरकरार रखा है। 25 जून 2025 को हुई सुनवाई में न्यायालय ने स्पष्ट किया कि चुनाव नहीं रोकना उद्देश्य नहीं है, बल्कि प्रक्रिया को नियमों और संविधान के अनुसार संपन्न कराना जरूरी है। अगली सुनवाई अब 26 जून को गुरुवार को की जाएगी।
⚖️ क्या है मामला?
पंचायत चुनावों में आरक्षण रोस्टर के निर्धारण को लेकर राज्य सरकार द्वारा 9 और 11 जून को जारी नियमावली को चुनौती देते हुए गणेश कांडपाल और अन्य याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट में याचिकाएं दाखिल की थीं। उनका तर्क है कि सरकार ने पुराने रोस्टर को शून्य घोषित कर नया रोस्टर जारी किया, जो कि संविधान के अनुच्छेद 243T और पंचायती राज अधिनियम 2016 की धारा 126 का उल्लंघन है।
📜 सरकार का पक्ष
राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता और मुख्य स्थायी अधिवक्ता ने पक्ष रखते हुए कहा कि यह कदम पिछड़ा वर्ग समर्पित आयोग की रिपोर्ट के आधार पर उठाया गया। सरकार का कहना है कि पुराने आरक्षण रोस्टर को शून्य घोषित करना आवश्यक था और नई नियमावली को 14 जून को गजट में अधिसूचित भी किया गया है।
🏛️ हाईकोर्ट के सवाल
कोर्ट ने सरकार से पूछा:
- कितनी सीटों पर आरक्षण रोस्टर की पुनरावृत्ति हुई है?
- क्या यह पंचायती राज अधिनियम और संविधान का उल्लंघन नहीं है?
इन सवालों पर विचार करते हुए अदालत ने कहा कि वह चुनावों के खिलाफ नहीं, बल्कि प्रक्रिया की वैधता सुनिश्चित करना चाहती है।
📌 15 से अधिक याचिकाएं, अब संयुक्त सुनवाई
एकलपीठ में लंबित 15 से अधिक याचिकाओं को भी अब खंडपीठ के समक्ष स्थानांतरित कर दिया गया है। सभी याचिकाओं पर संयुक्त सुनवाई की जाएगी। अदालत ने संकेत दिए हैं कि मामले की संवेदनशीलता और संविधानिक महत्व को देखते हुए निर्णय जल्द सुनाया जाएगा।
❓ प्रशासनिक सवाल भी उठे
चर्चा इस बात पर भी हो रही है कि 14 जून को गजट अधिसूचना जारी होने के बावजूद, सचिवालय और अन्य संबंधित संस्थानों को इसकी सूचना क्यों नहीं थी? यह पारदर्शिता और संचार व्यवस्था पर भी सवाल खड़े करता है।
📅 अगली सुनवाई 26 जून को
हाईकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश जी. नरेंद्र और न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ में करीब दो घंटे से अधिक तक सुनवाई हुई, लेकिन समय की सीमा के कारण सुनवाई 26 जून तक के लिए स्थगित कर दी गई।
🔍 निष्कर्ष:
उत्तराखंड पंचायत चुनाव को लेकर आरक्षण रोस्टर का मुद्दा लगातार गर्मा रहा है। हाईकोर्ट में जारी सुनवाई अब चुनाव की दिशा तय करेगी। अगली सुनवाई में कोर्ट का रुख तय करेगा कि राज्य में पंचायत चुनाव कब और किस प्रक्रिया से होंगे।